लखनऊ, । कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुआई में सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पार्टी भले ही उत्साहित हो लेकिन उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हैं। वजह यह है पार्टी की ओर से घोषित रूट मैप के अनुसार 3500 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह यात्रा राजनीति के मानचित्र पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सिर्फ बुलंदशहर जिले तक सीमित कर दी गई है।यूपी राहुल गांधी का गृह राज्य है। अमेठी सीट से राहुल तीन बार लोक सभा पहुंचे। उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली सीट से प्रदेश में पार्टी की एकमात्र सांसद हैं। पिछले 33 वर्षों से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक वनवास भुगत रही कांग्रेस स्वयं को प्रदेश की राजनीति की मुख्य धारा में लाने के सारे जतन कर रही है।अठारहवीं विधान सभा के चुनाव में सारे प्रयोग आजमाने के बावजूद कांग्रेस अपना निम्नतम प्रदर्शन करने से खुद को नहीं बचा सकी और ढाई प्रतिशत वोट के साथ दो सीटों पर सिमट गई। इस साल के अंत में होने वाले निकाय चुनाव पर कांग्रेस की नजर तो होगी ही, लेकिन पार्टी के लिए असल चुनौती 2024 का लोक सभा चुनाव होंगे।ऐसे में पार्टी की बहुप्रचारित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और भौगोलिक क्षेत्रफल में बड़े उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक जिले तक सीमित रखना तमाम कार्यकर्ताओं की समझ से परे हैं। उनका मानना है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने यात्रा का रूट मैप तैयार करने में नैविगेशन की सहूलियत पर ज्यादा ध्यान रखा, राजनीतिक दूरदर्शिता और जमीनी हकीकत का नहीं।कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता व पूर्व प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि राजनीति में सर्वविदित है कि दिल्ली का रास्ता उप्र से होकर ही गुजरता है। ऐसे में यदि भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश के और भी जिलों से होकर गुजरती तो पार्टी के लिए अच्छा होता।कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के साथ पार्टी अपना संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा पाती और उत्तर प्रदेश में उसके पक्ष में माहौल बनता। कांग्रेस के एक पूर्व प्रदेश पदाधिकारी के मुताबिक मोदी सरकार को चुनौती दे रही कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ निर्णायक लड़ाई तो उत्तर प्रदेश में ही लड़ होगी।केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा को महज एक जिले तक सीमित कर देना इस बात का सूचक है कि हम अपने लक्ष्य से भटक गए हैं। हालांकि कांग्रेस के संगठन सचिव अनिल यादव तर्क देते हैं कि यात्रा उत्तर प्रदेश में 110 किमी की दूरी लगभग चार दिनों में तय करेगी और एक से ज्यादा जिलों से गुजरेगी।