ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग /संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ, आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ०प्र० तथा केन्द्रीय औषधि मानक नियन्त्रण संगठन (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में
” कैपीसिटी बिल्डिंग आफ ड्रग रेगुलेटर्स, उ०प्र० ” विषयक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 75 ड्रग रेगुलेटर्स द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय सम्बन्धित विभागों व शासकीय संस्थाओं के शीर्ष प्रमुखों यथा- भारत सरकार के औषधि नियंत्रक जनरल, डा० राजीव कुमार सिंह रघुवंशी, पी० गुरु प्रसाद, आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन , मुख्य मंत्री के सलाहकार डॉ० जी०एन० सिंह, सी०डी०एस०सी०ओ० भारत सरकार से डा०ईश्वर रेड्डी तथा डा० नरेश शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति होने के साथ हीं , इन सभी विशिष्ट विद्वानों का महत्वपूर्ण, प्रासंगिक एवं उपयोगी व्याख्यान भी रहा है।कार्यक्रम के दौरान मुख्य पी गुरु प्रसाद, आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ०प्र० द्वारा प्रतिभागी अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ड्रग रेगुलेटर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि औषधियों की सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित कराना इनका प्राथमिक कर्तव्य है। कहा कि। ड्रग रेगुलेटर की कार्यशैली में, फार्मास्युटिकल वाटर सिस्टम, ड्रग अप्रूवल, औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, मादक और मन-मस्तिष्क पर प्रभाव डालने वाले दृव्य इत्यादि शामिल हैं । कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमो को समय-समय पर आवश्यकता अनुरूप किया जाना चाहिए, जिससे कि ड्रग रेगुलेटर्स अपने अधीनस्थ, औषधि निर्माता, मेडिकल डिवाइस निर्माता व अन्य औषधि हितधारक, देश व विदेशों में, उच्च गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और प्रभावी औषधियों को प्राप्त करा सकें।प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में , मुख्य अतिथि के रूप में, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ०प्र० की अपर आयुक्त डा० रेखा एस चौहान ने प्रतिभागी अधिकारियों को अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से बताया कि जैसा कि आप सभी ने प्रशिक्षण की अवधि में प्रासंगिक विषयों पर आधारित राष्ट्रीय स्तर के प्रबुद्ध विषय-विशेषज्ञो से ज्ञान प्राप्त किया है, उसको कार्यशैली में समाहित करते हुए, एक आदर्श ड्रग रेगुलेटर के रूप में अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक एवं ईमानदारी के साथ निर्वहन करेंगे।प्रशिक्षण के समापन पर, संस्थान की ओर से बी० डी० चौधरी, प्र0अपर निदेशक द्वारा केन्द्रीय औषधि मानक नियन्त्रण संगठन के अधिकारियों, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ०प्र० के अधिकारियों तथा उपस्थित सभी प्रतियोगियों को , इनके द्वारा पूर्व सुनिश्चित दायित्वों को गुणवत्तापूर्ण निभाने के परिप्रेक्ष्य में तथा प्रतिभागियों की अनुशासनबद्धता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उ०प्र० की ओर से शशि मोहन गुप्ता, उपायुक्त (ड्रग) द्वारा केन्द्रीय औषधि मानक नियन्त्रण संगठन के शीर्ष अधिकारियों को इस कार्यक्रम को आयोजित कराने, एस आई आर डी के अधिकारियों/कार्मिकों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित किए जाने एवं गुणवत्तापूर्ण अवस्थापना सम्बन्धी सुविधाओं को प्रदान किए जाने तथा प्रतिभागियों को बड़े मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त किए जाने हेतु, भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रशिक्षण के आयोजन/ प्रबन्धन के दृष्टिगत यथोचित सहयोग, समन्वय व संवाद स्थापित करने में, एफ एस डी ए के राज्य स्तरीय शीर्ष अधिकारियों यथा- शशि मोहन गुप्ता, डा० डी के तिवारी, अखिलेश कुमार जैन तथा वैभव का उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय योगदान रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान की ओर से डा०नीरजा गुप्ता, डा० सीमा राठौर, वरिष्ठ सलाहकार हेमेंद्र शर्मा, प्रतिमेश कुमार तिवारी, उपेन्द्र दूबे तथा मो० शहन्शाह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।