कलेक्ट्रेट परिसर में बैठकर करती है वकालत
उरई (जालौन)। कलेक्ट्रेट परिसर में बैठकर वकालत का पेशा करने वाली महिला अधिवक्ता को फोन कर घर बुलाया और पहुंचते परिजनों ने मिलकर घर में बंद करके जमकर मारपीट कर डाली।जिसे घायल अवस्था में कुछ अधिवक्ताओं लाकर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एट थाना क्षेत्र के ग्राम धगुवां कला हाल निवासी नया पटेलनगर ठडेशवरी मंदिर के पास उरई मोहिनी कुशवाहा पुत्री स्व. पूरन सिंह कुशवाहा जो कि मोहित विश्वकर्मा एडवोकेट के मकान में रहती है तथा कलेक्ट्रेट परिसर में बैठकर वकालत करती है। जिला अस्पताल के आपातकाल कक्ष के उपचार करवा रही महिला अधिवक्ता मोहिनी ने बताया कि आज गुरुवार को रोज की तरह कलेक्ट्रेट परिसर में वकालत कर रही थी इसी दौरान शहर के मुहल्ला सुशीलनगर 12 नम्बर टियूब बैल के पास रहने वाले वीरेन्द्र कुशवाहा पुत्र मानसिंह कुशवाहा का फोन आया कि तुम मेरे घर आ जाओ कुछ बात करनी है। पीड़िता मोहिनी कुशवाहा ने बताया कि वीरेन्द्र कुशवाहा से समाज का होने के नाते पहले से ही जान पहचान थी इस लिए वह वीरेन्द्र कुशवाहा के घर चली गयी। घर पहुंचते ही वीरेंद्र कुशवाहा मकान का दरवाजा बंद कर लिया और उन्होंने अपने परिवार जनों के साथ मिलकर लोहे की सरिया से मारपीट कर डाली और जान से मारने की नियत से सरिया से गला दबाने का प्रयास किया। पीड़िता मोहिनी कुशवाहा ने बताया कि उसने धक्का देकर मकान का दरवाजा खोलकर बाहर निकल आयी और सीधे घायल अवस्था में कलेक्ट्रेट पहुंचते ही परिसर के अंदर गिर पड़ी यह देख वहां पर मौजूद अधिवक्ता मौके पर आ गये जिन्होंने घायल अवस्था में लाकर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। पीड़िता अधिवक्ता ने यह भी बताया कि शादीशुदा और बच्चे वाला वीरेन्द्र कुशवाहा काफी समय से शादी करने का दबाव बनाता चला आ रहा था जिसके लिए वह वीरेन्द्र कुशवाहा से मना करती रही। इसी कारण से वीरेन्द्र कुशवाहा ने अपने घर बुलाकर घटना को अंजाम दे डाला। पीड़िता महिला अधिवक्ता ने घटना की लिखित तहरीर आरोपी वीरेन्द्र कुशवाहा और उसके परिजनों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को दे दी है।
