गोण्डा। एक तरफ जहाँ प्रदेश सरकार जलमग्न तालाब सहित अन्य खाते की सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने का अधीनस्थ अधिकारियों को लगातार आदेश/निर्देश जारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की उदासीनता के चलते जलमग्न तालाब की सरकारी भूमि को अवैध तरीके से पाटकर दबंग लोग अवैध कब्जा करके पक्का निर्माण कर लिये हैं।जिससे जल निकासी बाधित है और गांव की सड़क भी जलमग्न है।प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला तहसील कर्नलगंज क्षेत्र के विकास खंड परसपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत भौरीगंज से जुड़ा है। यहां की ग्राम प्रधान राबिया ने विगत 31 मई को उपजिलाधिकारी हीरालाल से मिलकर प्रार्थना पत्र देते हुये ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराया था। जिसमें कहा गया था कि जलमग्न तालाबों पर गांव के ही कुछ दबंग किस्म के लोगों ने मिट्टी की पटाई करके कब्जा कर लिया है तथा कुछ हिस्से पर पक्का मकान भी बना लिया है। जिससे तालाब का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। वहीं जल निकासी की समस्या उत्पन्न हो गई है और गांव की सड़क भी तालाब में तब्दील हो चुकी है। ग्रामीणों को गंदे पानी व कीचड़ में होकर अपने घरों तक पहुंचना पड़ता है। यहां पूरे वर्ष बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहती है। जिससे ग्रामीणों का जीना दूभर है।ग्रामीणों ने बताया कि कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत की मगर कोई कार्यवाही नही हुई।ग्राम प्रधान ने तालाब की पैमाइश करवाकर कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। इस संबंध में तहसीलदार नरसिंह नरायन वर्मा ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। राजस्व टीम के साथ वह स्वयं मौके पर गये थे। उन्होंने बताया कि सुलह समझौते के आधार पर तालाब के कुछ हिस्से को खाली करने पर सहमति बनी थी, लेकिन कब्जेदार पक्ष ने बाद में मानने से इंकार कर दिया। जिससे अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध मुकदमा किया जा चुका है। मुकदमे में आदेश होने पर उक्त मकान आदि को गिराकर तालाब की पूर्व स्थिति बहाल कराई जायेगी ।