रघुनाथ सिंह
खवर दृष्टिकोण समाचार पत्र /लखनऊ
कैसर संस्थान एलाइनन आरटी और एसजीआरटी तकनीक अपनाने वाला प्रदेश का पहला व देश का पाँचवाँ केंद्र हो गया है।
इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी (आईजीआरटी) और सरफेस गाइडेड रेडिएशन थेरेपी (एसजीआरटी) इससे कम समय सटीक रेडियोथेरेपी दी जा सकती है। यह स्तन, गर्भाश्य, बोन टूयमर, प्रोस्टेट व ब्रेन ट्यूमर की सिंकाई में कारगर है। इसमें दुष्प्रभाव की गुंजाइश बहुत कम होगी। रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता ने बताया कि नई तकनीक से कैंसर मरीजों का और सटीक इलाज संभव होगा। कम समय में ट्यूमर पर सीधे किरणों से वार होगा। उन्होंने बताया कि रेडिएशन के समय मरीज के सांस लेते ही ट्यूमर अपने निश्चित स्थान से दूर हो जाता है। इससे ट्यूमर पर रेडिएशन का सही वार नहीं हो पाता है। वहीं स्वस्थ कोशिकाओं पर किरणों का प्रभाव पड़ता है। इस नई तकनीक से यह आशंका लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. शरद सिंह ने बताया कि संस्थान में नई तकनीक से मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। यह काफी किफायती भी है। इस तकनीक में मरीज कोटैटू व मास्क की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि इससे पहले जिस तकनीक से रेडिएशन मरीज को दी जा रहा है, वह भी कारगर है। डॉ. प्रमोद ने बताया कि यूपी का पहला सरकारी संस्थान है, जिसमें इस नई तकनीक से कैंसर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मार्च में डॉ. शरद सिंह व डॉ. प्रमोद गुप्ता दुबई प्रशिक्षण लेने गए थे।