संवाददाता रघुनाथ सिंह खबर दृष्टिकोण लखनऊ।
इलाज के अभाव में विधायक दम तोड़ रहे।
–
सड़क हादसे में यूपी दूसरे नम्बर पर।
किसी भी हादसे से सिर में गंभीर चोट लगने से दिमाग की कोशिकाएं मर जाती हैं। यह दोबारा उत्पन्न नहीं होती हैं। इसका अतिरिक्त भाग उपलब्ध नहीं है। दिमाग के प्रत्यारोपण की सुविधा नहीं है। ऐसे में अपने सिर और दिमाग को बचाना ही एकमात्र विकल्प है। यह बातें बुधवार को पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में आयोजित सिर चोट जागरुकता कार्यक्रम में ट्रॉमा सेंटर व न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. राज कुमार ने कहीं। त्वरित व उचित इलाज न मिलने से घायल दम तोड़ रहें। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने किया।
सड़क हादसे में यूपी दूसरे नम्बर पर
डॉ. राजकुमार ने कहा कि देश में होने वाली सड़क हादसों में यूपी दूसरे नम्बर पर है। जबकि महाराष्ट पहले नम्बर पर है। सड़क हादसों की दर यूपी में आठ व महाराष्ट्र में 18 प्रतिशत है। विश्व में सबसे ज्यादा सिर की चोट के मामले अपने देश में। यहां हर मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। जबकि हर पांच से सात मिनट में सिर में चोट लगने से एक मौत होती है। यूपी में ट्रॉमा सेंटर की कमी है। जिसके चलते घायलों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक व अस्प्ताल प्रशासन विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने संस्थान के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों और कई कॉलेज के छात्रों को हादसों से बचने के लिए सुरक्षित ड्राइविंग के बारे के जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाइक चलाते समय हेल्मेट व कार चलाते समय सीट बेल्ट और यातायात नियमों का सख्ती से पालन करें।
