*खबर दृष्टिकोण संवाददाता शिवम मिश्रा*
*लखीमपुर खीरी।* विद्या भारती विद्यालय पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, उदयपुर, गोला रोड में रविवार को ‘सप्तशक्ति संगम’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम मातृशक्ति के सात दिव्य गुणों — कीर्ति, श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा — पर केंद्रित था। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना से हुआ। नगर की माताओं, शिक्षाविदों और छात्राओं की उपस्थिति से पूरा परिसर मातृशक्ति की गरिमा और सांस्कृतिक गौरव से आलोकित हो उठा।
कार्यक्रम संयोजिका ऋतु अवस्थी ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया, जबकि क्षेत्रीय संयोजिका निधि द्विवेदी ने कहा कि “‘मातृ देवो भव’ केवल एक श्लोक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है।” मुख्य वक्ता सुमन श्रीवास्तव ने कहा कि “आज की नारी करुणा के साथ-साथ ज्ञान, साहस और नेतृत्व की भी प्रतीक है।” विशिष्ट वक्ता शालू गुप्ता ने कहा कि “परिवार राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई है और नारी उसका केंद्रबिंदु है।” अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सुरचना त्रिवेदी ने कहा कि “संस्कारवान नारी ही सशक्त समाज की नींव रखती है।”
कार्यक्रम में ‘नारीशक्ति पर प्रश्नोत्तरी’, ‘प्रेरणादायी नारियों के संस्मरण’ और ‘विशिष्ट माताओं का सम्मान समारोह’ जैसे आयोजन आकर्षण का केंद्र रहे। संचालन सोनिका धवन ने किया। समापन अवसर पर आक्षा शुक्ला ने कहा कि ‘सप्तशक्ति संगम’ मातृशक्ति के सात गुणों के माध्यम से एक संस्कारित, सशक्त और समृद्ध भारत की दिशा में प्रेरणादायक कदम है।
