दुरंगे लोग तिरंगे की बात करते है।
खबर दृष्टिकोण: अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ खीरी। छोटी काशी में ऐतिहासिक मेला चैती 2025 के बारहवें दिन सांस्कृितक मंच पर कुल हिन्द मुशायरा के मुख्य अतिथि गरीबों के मसीहा पलिया विधायक रोमी साहनी, कार्यक्रम अध्यक्ष राजा जफर उल्ला खाँ,विशिष्ट अतिथि समाजसेवी हाजी सलीम सदर ,मजीद खाँ,मंजूर अली,हनीफ़ खाँ,शफी अहमद खाँ,सरताज मंसूरी, जमील मंसूरी, अफसर खाँ,मौलाना आजाद काशमी ,मास्टर अशफाक अंसारी, राजा खालिद रियाज खाँ,सलीम अंसारी, इरफान अंसारी, हाजी हसमत अली ,शफी आगा ,अनुपम बाजपेयी, विधायक प्रतिनिधि रोमी कक्कड़ और नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने शमा रोशन कर शुभारंभ किया। कुल हिन्द मुशायरा के अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि पलिया विधायक रोमी साहनी ने कहा:-ऐतिहासिक मेला चैती समरसता का प्रतीक है। मैने कभी गरीब को इंतजार नही करवाया। हमेशा साथ में बैठाया और हमेशा गरीबों की मदद करता रहूंगा यही दुआ मांगता हूं रिंकू शुक्ला ने जो सभी धर्मों का सम्मान करने का काम किया है में उनको शुभकामनाएं देता हूँ।
*कार्यक्रम अध्यक्ष राजा जफर उल्ला खा ने कहा कि गोला पालिकाध्यक्ष सभी धर्मे के त्योहारों को सिद्दत से बनाते है*
नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,” चैती मेले में जितने हिंदू देखने आते है तो उससे ज्यादा ही मुस्लिम आते है ।यही हमारी तहजीब है।
कुल हिंद मुशायरा में शायरा मुमताज नशीम (अलीगढ़) ने फरमाया-
कई साल बाद मिले हों तुम कहां खो गये थे, जबाब दो।
मेरे आंसुओं को न पोछो तुम मेरे आंसुओं का जबाब दो।।
डॉ.नुजहत अंजुम (गोरखपुर) लखनवी ने-
दुश्मनी से तो तुम्हे कुछ नहीं मिलने वाला, दोस्ती कर लो अगर मुझको मिटाना चाहों
बड़ी मुख्तसर है ये जिंदगी यही जिंदगी है तवील भी
कोई यादे हक में गुजार दे कोई सिर्फ शौके गुनाह में।
मैकश अमरोहवी (अमरोहा) ने-
मेरी निगाह बदन पर ठहर गई वरना
वह अपनी रूह मेरे नाम करने वाला था।
खुर्शीद हैदर (मुजफ्फर नगर) ने फरमाया –
गैर परो पर उड़ सकते है हद से हद दीवारों तक
अम्बर पर तो वहीं उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे।
1.अलीशा मेराज खान (सीतापुर) ने-
.वो करता रहा कोशिश खुश करने की उसको,
वो बेवफा तो डाल आई उसको डरम में।
. समझ नहीं आती धर्म की बातें मुझे, मेरा दोस्त दोस्त है हिंदू मुसलमान नहीं।
मुशायरा का संचालन करते हुए नदीम फर्रूक (गंज डुडवारा, ऐटा) ने सुनाया-
मुझको इंसान ही रहने दे फरिश्ता न बना,
इतनी तारीफ भी मत कर कि मैं पत्थर हो जाऊं।
कोटा राजस्थान के कुवंर जावेद ने सुनाया-
वफा की प्यार की सरगम नहीं समझता है।
किसी भी देश का परचम नहीं समझाता है।।
है कौन हिंदू मुसलमान कौन, सिख है क्या।
यह हम समझते हैं ये बम नहीं समझौता है।।
मुंबई से शकील आजमी ने सुनाया-
मैं हूं इंसान तो होने का पता दे जंगल,
राम जैसे थे मुझे वैसा बना दे जंगल।।
अबके बनवास में सीता हैं न लक्ष्मन मेरे साथ,
जितने इल्जाम हैं सब मुझपे लगा दे जंगल।।
कमा के पूरा किया जितना भी खसारा था,
वहीं से जीत के निकला जहां मैं हारा था।
उत्तराखंड के रुड़की से आए सज्जाद झंझट ने सुनाया-
पीठ फेरे हुए हर शख्स से डर लगता है, कैसा फैशन है कि मादिन भी नर लगता है।।
कार्यक्रम संयोजक गोला गोकर्णनाथ के शायर मधुकर शैदाई ने फरमाया-
खुद को हिंदू कहो या मुसलमां कहो, गर मुहब्बत नहीं है तो कुछ भी नहीं।
कोई कितना हसहीं हो जहां में मगर, आदमीयत नही ंतो कुछ भी नहीं।।
मुशायरा के संयोजक शायर मधुकर सैदाई एवं संचालन नदीम फर्रूक (गंज डुडवारा, ऐटा) ने किया
इस अवसर पर सभासद साहिद अंसारी, इजरान, रज्जन खाँ ,कफील अहमद,रियाजुद्दीन, दानिश राईन ,धर्मेन्द्र तिवारी, नानक चन्द्र वर्मा आदि गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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बाक्स-
चैती मेला में आज
छोटी काशी के ऐतिहासिक मैला चैती के सांस्कृतिक मंच पर 17 अप्रैल को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन रात आठ बजे से ।



