खबर दृष्टिकोण:अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ। छोटी काशी में ऐतिहासिक मेला चैती 2025 के सांस्कृितक मंच पर दसवें दिन हुई जबाबी कव्वाली शरीफ परवाज कानपुर, नेहा सुल्तानपुरी उन्नाव की जबाबी कव्वाली के मुख्य अतिथि भाजपा नेता धर्मेन्द्र गिरि मोंटी,
विशिष्ट अतिथि बजाज मिल यूनियन अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह ,व्यापार मण्डल नगर अध्यक्ष पारस प्रसाद मिश्रा, पूर्व सभासद एवं जिला अध्यक्ष व्यापार मण्डल अरुण अवस्थी,समाजसेवी नदीम , जमील अंसारी,डा. कय्यूम, राजेश वर्मा,शिव दत्त मिश्रा, राम गुलाम पाण्डेय, अनुराग गुप्ता, एड संदीप अवस्थी, एड लाल बहादुर यादव,डा. युनूस अली ,कौशल जायसवाल
कार्यक्रम अध्यक्ष बैजनाथ अग्निहोत्री और नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि धर्मेन्द्र गिरि ने कहा कि,” *गोला तहजीब का शहर है यहाँ हिन्दू मुस्लिम मिलकर ईद और दिवाली मनाते हैं।*
नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,” *मेला चैती गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल है कुल हिंद मुशायरा हो ,कवि सम्मेलन हो,कब्बाली हो या सुंदरकांड गोला की जनता भेदभाव नही करती।*
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कानपुर के इण्टर नेशनल कव्वाल शरीफ परवाज ने कार्यक्रम की शुरुआत शेर पढ़कर की-
वतन की सरजमी को अमन का दर्पण बनाना है, जो शाखें नीम की हैं अब उन्हें चंदन बनाना है। हमें जल्दी निकालो मंदिर, मस्जिदों के झगड़ों से, हमें बच्चों के मुस्तकबिल को भी रौशन करना है।
शेर का जबाब उन्नाव की नेहा सुल्तानपुरी ने कुछ यूं दिया-
क्या क्या बनाने आये थे, क्या क्या बना बैठे, कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे।
हमसे तो अच्छी एक परिंदे की जात है, कभी मंदिर पे जा बैठे कभी मस्जिद पे जा बैठे।
शरीफ परवाज ने ईश्वर वन्दना कर हिंदू मुस्लिम मिलाप पर जोर देते हुए कुछ यूं बयां किया-
सारी दुनिया का मालिक है तू, मेरे दिल की है ये आरजू, नफरतें अब दिलों से मिटादे।
उसके बाद शरीफ परवाज ने अपने कलाम में कहा-
जन्नत का करेंगे हम दीदार मदीने में, हम सबको बुलायेंगे सरकार मदीने में।
नेहा सुल्तानी ने कलाम सुनाया-
छा जायेगी रहमतों की घटा झूमकर सब ये बोले मुस्तफा-मुस्तफा।
शरीफ परवाज ने भजन गाया-
तु कितनी गोरी है, गजब की छोरी है, भोली भाली है, राधा राधा।।
नेहा सुल्तानी ने भजन गाया-
ये राम कह रहे हैं कही वक्त टल न जाये, बजरंग के आते आते कहीं सूरज निकल न आए
शरीफ परवाज ने-
तुनक तुनक तुन तुन्ना एक बात हमारी सुनना, ये जवानी के रेल, चलाओ धकापेल।
नेहा सुल्तानी ने- तुनक तुनक तुन तुन्ना, अब मान भी जाओ मुन्ना।
शरीफ परवाज ने गजल पेश की-
क्या बात है बता दो, फिर चाहे जो सजा दो, तुमको कसम है मेरी एक बार मुस्कुरा दो।
नेहा सुल्तानी ने यूं गजल पेश की-
दर्द मीठा मीठा सा दिल में यार होता है। प्यार जब जबानी में पहली बार होता है।
शरीफ परवाज के साथ – हरमोनियम पर नाजिम खां, बैंजो पर सचिन तिवारी, तबला पर सोये खान, ढोलक पर असद खान, पैड पर फरहान खान, कोरस पर मानू भाई, राजू खान, फैजान और नेहा सुल्तानी के साथ हरमोनियम पर अजमेरी मास्टर, कोरस पर आरिफ ताज, सोनिया, तबला पर रादि खां, नाहित खां, ढोलक पर जानू, बैंजो पर अदनान हुसैन ने साथ दिया।
इस अवसर पर सम्मानित सभासद ,व्यापार मण्डल पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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चैती मेला में मुशायरा आज
छोटी काशी के ऐतिहासिक मैला चौती के सांस्कृतिक मंच पर 15 अप्रैल को रात आठ बजे से कुल हिंद मुशायरा होगा।
मुशायरा संयोजक मधुकर शैदाई ने बताया कि 15 अप्रैल मंगलवार की शाम को होने वाले कुल हिंद मुशायरा में मैकश अमरोहवी (अमरोहा), शकील आजमी (मुम्बई महाराष्ट्र), नदीम फर्रूक (गंज डुडवारा, ऐटा), खुर्शीद हैदर (मुजफ्फर नगर), शायरा मुमताज नशीम (अलीगढ़) मुजहत अंजुम (गोरखपुर), अलीशा मेराज खान (सीतापुर), शायर कुंवर जावेद (कोटा राजस्थान) और सज्जाद झंझट(रुड़की उत्तराखंड) अपनी शेरो शायरी पेश करेंगे।
