खबर दृष्टिकोण
महमूदाबाद/सीतापुर
आधुनिकता के इस दौर में सर दर्द एक आम रोग बनता जा रहा है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपने जीवन में सर दर्द का अनुभव ना किया हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वेक्षण में संपूर्ण विश्व में सर दर्द बढ़ता ही जा रहा है। अत्यधिक सर दर्द आज दुनिया की सबसे परेशान करने वाली और सबसे ज्यादा गलत डायग्नोज होने वाली तथा सबसे ज्यादा इलाज किए जाने वाली बीमारी साबित हो रही है।
उक्त जानकारी लखनऊ के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. असद अब्बास ने नगर में संचालित एक निजी अस्पताल में आयोजित माइग्रेन जागरूकता शिविर कार्यक्रम के दौरान देते हुए बताया कि न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा अगर आज के समय में पांच मरीज देखे जाते हैं तो उसमें से अधिकांश लोग माइग्रेन यानी कि सर दर्द जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं। उन्होंने ने बताया कि माइग्रेन के दो चरण होते हैं, आभासी और वास्तविक। इसमें रोगी के सिर के एक भाग में दर्द होता है और वह प्रकाश और ध्वनि को सहन नहीं कर पाता है। इसका दर्द तीन से चार घंटे बना रहता है और रोगी को मिचली तक हो जाती है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। नशा, खून की कमी, मानसिक तनाव, नसों में खिंचाव, थकान, कब्ज, सर्दी जुकाम और जिगर में विकार। न्यूरो चिकित्सक ने बताया कि माइग्रेन एक क्रॉनिक बीमारी है परंतु इसको आधुनिक इलाज द्वारा बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है। उन्होंने माइग्रेन रोगी को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए कहा, उन्होंने बताया कि पौष्टिक भोजन एवं दिनचर्या को सही करने से माइग्रेन की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अजीम द्वारा किया गया। इस मौके पर हसन अब्बास, राकेश सिंह, मुकेश कुमार, जफर अहमद सहित दर्जनों की संख्या में मरीज मौजूद रहे।