खबर दृष्टिकोण
संदना सीतापुर। क्षेत्र के नोवाखेड़ा गांव में नहर कटने से दर्जनों किसानों की फैसले जलमग्न हो गई। ग्रामीण रातभर नहर को बांधते रहे। उसके बावजूद गांव के चारों तरफ पानी भर गया। वहीं किसानों के सैकड़ो बीघा गेहूं ,सरसों,आलू के खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। खराब हुई फसलों को लेकर किसान काफी सदमे में है। किसानों का कहना है कि यह दूसरी घटना है। जब फसलें जलमग्न हुई हैं। किसान श्रीकृष्णा की 30 बीघा आलू की फसल जलमग्न होकर खराब हो गई है। कन्हैया लाल की 20 बीघा सरसों बर्बाद हुई है। वही रामचंद्र और धीरज की 10-10 बीघा सरसों जलमग्न हो गई है। रामचंद्र की पांच बीघा गेहूं की फसल जलमग्न हुई है। गुड्डू का पांच बीघा गेहूं जलमग्न हुआ है। ग्रामीणों की सैकड़ो बीघा फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो गई हैं। ग्रामीणों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह दूसरी घटना है फिर भी विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं ।मौजूदा समय में नहर की सफाई नहीं हुई है।
वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है शारदा नहर की तरफ से क्षमता से ज्यादा पानी छोड़ा गया जिसके चलते कच्ची नहर फटी है। यह नहर नैमिष से तेलियानी के लिए निकली हुई है अधिकांश इस नहर पर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जब नहर की सफाई नहीं हुई है जिसके चलते नहर कटी है। इस दौरान ग्रामीणों ने वहां पर सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंची सिंचाई विभाग की टीम में शामिल जेई पंकज कुमार ,ऑपरेटर पथिक कुमार का कहना है मौके पर बचाव राहत कार्य शुरू दिया गया है।