खबर का असर……
(एसडीएम ने अवैध स्टैंड संचालन मामले में एसीपी व प्रभारी निरीक्षक को पत्र लिखकर जांच कर सुसगंत धाराओ में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही किये जाने के दिये निर्देश)
मोहनलालगंज।मोहनलालगंज तहसील के पीछे से गुजरी सड़क समेत पटरिया कब्जा कर काफी समय से अवैध स्टैंड का संचालन कर दो व चार पहिया वाहन मालिको से प्रतिदिन चार से पांच हजार की वसूली कर दबंग व उनके गुर्गे महीने में लाखो के वारे न्यार कर रहे थे,स्थानीय लोगो ने तहसील के कुछ एक कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध स्टैंड का संचालन किये जाने का भी आरोप लगाया है।यही नही अवैध स्टैंड का संचालन करने वाले दबंग बकायदा मोहनलालगंज तहसील लिखी गुलाबी पर्ची का प्रयोग करते थे,जिसमें वाहनो से वसूली की दर लिखी होती थी.जब कि तहसील के कागजो में बीते डेढ साल से कोई स्टैंड नही उठा,ना ही नीलामी हुयी,उसके बाद भी आखिर किस की शाह पर अवैध स्टैंड का संचालन बेधड़क किया जा रहा,जब कि तहसील अफसरो की माने तो उन्हे अवैध रूप से स्टैंड संचालन किये जाने की भनक तक ही नही लगी,शनिवार को समाचार पत्रो में अवैध स्टैंड के संचालन कर लाखो के वारे न्यारे करने की छपी खबरो के बाद हड़कम्प मचा तो पूरे मामले को गम्भीरता से संज्ञान में लेकर उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्य ने एसीपी मोहनलालगंज नितिन सिहं व प्रभारी निरीक्षक को शनिवार को पत्र लिखकर अवैध स्टैंड की जांच कर अवैध पाये जाने पर सुसंगत धाराओ में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दियें।उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्य ने कहा प्रकरण गम्भीर है तहसीलदार आनन्द तिवारी को पत्र लिखकर भी आख्या मांगी गयी है,जांच में अगर किसी कर्मचारी की संलिप्ता पायी गयी तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
आखिर किसके इशारे पर चल रहा था अवैध स्टैंड…
आखिर वो कौन जो पर्दे के पीछे से बेधड़क होकर बीते डेढ सालो से अवैध स्टैंड का संचालन करा रहा था ओर तहसील व कोतवाली के पीछे चल रहे अवैध स्टैंड की भनक तहसील में बैठे अफसरो व पुलिस को भी नही लगी।जब कि सूत्रो की माने तो तहसील में तैनात एक कर्मचारी की मिलीभगत से अवैध स्टैंड का संचालन काफी समय से हो रहा था,जिसके बदले प्रतिदिन हजारो की रकम उक्त कर्मचारी द्वारा संचालक से ली जा रही थी।स्थानीय लोगो की माने अवैध स्टैंड चलाने वालो ने पुरी सड़क कब्जा कर रखी थी जिसके चलते उक्त रास्ते से लोगो का निकलना दूभर हो गया था ओर प्रशासन भी शिकायतों के बाद भी सड़क से स्टैंड नही हटवा पा रहा था।यही नही आये दिन विरोध पर स्टैंड संचालक के गुर्गे स्थानीय लोगो से मारपीट व गाली-गालौज पर उतारू हो जाते थें।