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आश्रय-गृह‘‘ एवं राठ रोड में संचालित ‘‘वृद्धाश्रम‘‘ का औचक निरीक्षण किया

 

 

रोहितसोनी उरई

दैनिक खबर दृष्टिकोण

 

उरई ( जालौन) माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आज न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शैल्टर होम मु0 लहरियापुरवा स्थित ‘‘आश्रय-गृह‘‘ एवं राठ रोड में संचालित ‘‘वृद्धाश्रम‘‘ का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने बहुत बारीकी से व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रबन्धकों को दिये। न्यायिक अधिकारियों ने उक्त दोनो आश्रय स्थलों में रह रहे आश्रितों के रहन-सहन, खानपान, चिकित्सा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और वुनियादी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा।

सबसे पहले नगर पालिका परिषद उरई के सहयोग से मु0 लहरियापुरवा में लखनऊ के एक एन.जी.ओ. द्वारा संचालित आश्रय गृह (शेल्टर होम) में न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न बिन्दुओं पर जांच-पड़़ताल की। निरीक्षण समय मौके पर मौके पर मात्र 04 कर्मचारी उपस्थित मिले। यहां की आश्रित पंजिका में निरीक्षण तिथि में एक भी आश्रित पंजीकृत नहीं मिला। पूर्व निरीक्षण में अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया था। बावजूद इसके कक्षों में गन्दगी पायी गयी। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका को नोटिस देकर निर्गत करने के आदेश अधीनस्थ को दिये।

समाज कल्याण विभाग द्वारा राठ रोड उरई में एक एनजीओ के सहयोग से संचालित वृद्धाश्रम में निरीक्षण के दौरान 57 संवासी उपस्थित मिले।

वृद्धाश्रम की संवासियों को बाहर के व्यक्तियों द्वारा भोजन कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अन्जू राजपूत ने प्रबन्धक को फटकार लगाते हुये पूछा कि वह किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से ऐसा कर रहे हैं ? इस बात का प्रबन्धक कोई सन्तोषजनक जबाब नहीं दे सके। कक्षों में अन्धेरा व गन्दगी पाये जाने पर उन्होंने इस कमी को तत्काल दूर करने हेतु प्रबन्धक को निर्देशित किया। एक महिला कर्मचारी बिना किसी कागजी कार्यवाही के वहां काम करती हुयी पायी गयी। इस पर न्यायिक अधिकारियों ने उससे सम्पूर्ण कागजात अविलम्ब पेश करने हेतु निर्देशित किया। साथ ही संवासियों को वृद्धावस्था पेंशन एवं आधार कार्ड बनवाने के लिये आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु प्रबन्धक को निर्देशित किया।

वृद्धाश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पर संवासियों की चिकित्सा/प्राथमिक उपचार हेतु डिस्पेन्सरी में आवश्यक दवायें एवं बीपी0 व सुगर मापने की मशीन व किट नहीं मिली।

निरीक्षण करने वाली इस अनुश्रवण समिति में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अन्जू राजपूत एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राजीव सरन शामिल रहे।

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