लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों को अपने परिसर से बाहर गांवों, महिलाओं, किसानों, अति पिछडे क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर कार्य करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए श्रेष्ठ विद्यार्थी प्राप्त हो इसके लिए विश्वविद्यालयों को आंगनवाड़ी की शिक्षा व्यवस्था से जुड़कर कार्य करना होगा। प्रारम्भ से अच्छी शिक्षा प्राप्त करने वाला बच्चा ही आगे श्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में विश्वविद्यालय आएगा। उन्होंने कहा शिक्षा प्रत्येक राष्ट्र के लिए विकास और सशक्तिकरण का आधार है। शिक्षा का आशय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान से नहीं है, बल्कि ऐसी शिक्षा से है जो वास्तव में मानव को मानव बना सके और मूल्यों की पहचान करा सके। राज्यपाल शुक्रवार को विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध रजत पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में नवनिर्मित बैडमिंटन एकेडमी का लोकार्पण किया। इस अवसर पर परिसर के सभागार में ‘राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में अतीत का पुनरावलोकनः आयाम एवं चुनौतियां’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित भी किया। आगामी 21 जून को योग दिवस पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम सब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसलिए इस बार 21 जून को योग का अमृत महोत्सव मनाया जाए। उन्होंने कहा 21 जून को सभी शिक्षण संस्थानों में सभी विद्यार्थियों को योग के अमृत महोत्सव में सम्मिलित किया जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थान बच्चों का योग का प्रशिक्षण देकर पहले से तैयारी करें। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने शिक्षण संस्थानों को परम्परागत खेलों को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि क्रिकेट, बैडमिंटन जैसे खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते हैं और इनके लिए संसाधनों की आवश्यकता भी होती है, जबकि हमारे परम्परागत खेल कबड्डी, खो-खो, गेंद ताड़ी जैसे कई खेल के लिए संसाधनों की आवश्यकता नहीं है और ये खेल सामाजिक जीवन में रचे-बसे भी हैं। उन्होंने इसी क्रम में भारत में विलुप्त हो रही लोक संस्कृति को भी शिक्षा का अंग बनाने को कहा, जिससे नई पीढ़ी भी उन रीति-रिवाजों को सीख सके जो हमारे समाज का हिस्सा रही हैं। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को अपना आउटकम देखना होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से हम सबको प्रेरणा मिली है कि ज्ञान का लाभ समाज तक पहुंचना चाहिए। समारोह में राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दस लोगों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा संगोष्ठी के आयोजन से जुड़े सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।