तेज लाउडस्पीकर बजाने वाले धार्मिक स्थलों की सूची तलब
लखनऊ, । धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रदेश में इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। लाउडस्पीकर की निर्धारित मानक से तेज आवाज को लेकर शासन का रुख सख्त है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी काे धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन माइक की आवाज धार्मिक परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए। उनके निर्देश के बाद ही गोरखनाथ मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई थी।प्रदेश के कई अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों में भी लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई है। गृह विभाग ने अब ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम-2000 के प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन कराये जाने का निर्देश जारी किया है। साथ ही ऐसे धार्मिक स्थलों की थानावार सूची तलब की है, जहां इन निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है। हर जिले में इसकी सप्ताहिक समीक्षा कराने तथा मंडलायुक्तों व पुलिस आयुक्तों को 30 अप्रैल तक पहली अनुपालन आख्या शासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।शासन ने वर्ष 2018 में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश जारी किया था। गृह विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कई धार्मिक स्थलों में निर्धारित डेसीबल का उल्लंघन किये जाने की शिकायत आई है। औद्योगिक, वाणिज्यिक, रिहायशी व शांत क्षेत्रों में दिन व रात के लिए अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित है। हर जिले में इन ध्वनि मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।इस संबंध में की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी शासन तथा उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिये जाने का भी निर्देश है। यह भी कहा गया है कि सभी जगह धर्म गुरुओं से संवाद व समन्वय बनाकर अवैध लाउडस्पीकर को हटवाया जाये और निर्धारित डेसीबल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। कहा गया है कि कुछ जिलों में इन निर्देशों का अनुपालन हुआ है, जबकि कुछ जिलों में कड़ाई से अनुपालन कराये जाने की आवश्यकता है।



