सीएम की पड़ी लहरपुर तहसील साहिबान पर निगाह,तो हो जाएगा कामडाउन शुरू
अजय सिंह
सीतापुर। प्रदेश सरकार जीरो टाइरेंस की बात कर रही है तो दूसरी तरफ अधिकारियों की मनमानी दिखाई पड़ रही है ऐसा लग रहा है कि वह अपनी पुरानी पद्धति का पुनः अनुसरण करते हुए नजर आ रहे हैं।कहने का तात्पर्य यह है कि जो भ्रष्टाचार भुलाया जा चुका था।पर यह बहम है अब लग रहा है वही फिर से पुराने लेनदेन के चलन आता जनमानस की चर्चा का केन्द्र बिंदु बन रहा है अगर यह भ्रष्टाचार नहीं है तो आखिर क्या है की बराबर कार्यवाही भी हो रही है।उसके बावजूद बदस्तूर काम भी हो रहा है तो इसको भ्रष्टाचार की संज्ञा न दी जाए तो क्या कहा जा सकता है।बताते चलें कि प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर बिना एनओसी जिले में महमूदाबाद,सिधौली,लहरपुर आदि तहसीलों में कई ईट भट्ठे संचालित बताए जाते हैं।जिनमें लहरपुर प्रथम आता है यहां सबसे अधिक बिना एनओसी ईट भट्ठे संचालित हो रहे हैं कार्यवाही के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति हो रही है।पर्यावरण प्रदूषण विभाग भी आखिर किस की बाट जोह रहा है साथ ही लहरपुर तहसील की आला अधिकारी भी इस मामले में पीछे दिनों सिर्फ कच्ची ईंट तोड़ कर कार्यवाही को प्रभावी मान रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है सभी कार्यवाही किए गए ईट भट्ठे बराबर चर्चित हो रहा है कि संचालन जारी तो आखिरकार इस कार्यवाही का क्या मतलब निकाला जाए क्या कार्यवाही का मतलब सिर्फ दिखावा है या असल कार्यवाही से दूर करने का प्रयास है।बताते चलें कि मामला काफी गंभीर है उत्तर प्रदेश में विशेष कार्यों से चर्चित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की बात हो और उसके बाद इस तरीके से कार्रवाई होना यह मालूम पड़ता है कि पर्यावरण प्रदूषण विभाग से लेकर जिले व तहसील के अधिकारियों की मिलीभगत है। बताते चलें कि योगी सरकार ने कामडाउन शुरू कर दिया है,इस क्रम में हाल ही में एक एसएसपी और दो डीएम के ऊपर कार्यवाही की गई।डीएम औरेया के के ऊपर तो हाल में निलंबित कर संपत्ति की जांच की कार्यवाही के आदेश दे दिए गए।इसके जरिए प्रदेश सरकार ने शायद यह संकेत दे दिए हैं कि प्रदेश सरकार अपने पुराने अंदाज को भूली नहीं है उसी तरह से कार्यवाही करने का नजरिया बरकरार है नजर मे आए तो कोई भी दागी अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा।तो क्या तहसील लहरपुर में भी आला अधिकारी के ऊपर कुछ इस तरीके की कार्यवाही होगी,अगर शासन के संदेह की नजर में आ गए तो?अगर कार्रवाई हुई तो यह संभव है कि पर्यावरण प्रदूषण विभाग के साथ-साथ लहरपुर के आला अफसर जिनके ऊपर तहसील लहरपुर की जिम्मा है ,अगर किसी तरह से कोताही ,साबित हुई तो कार्यवाही होगी इसबात की अब बातें हो रहीं हैं, जिससे यह माना जा रहा है कार्यवाही की गाज कभी भी गिर सकती है।…क्रमशः