एक तरफ गरीब जनता के लिए योगी और मोदी सरकार ने नि:शुल्क व राशन वितरण की घोषणा की है।
लेकिन अभी भी कुछ ऐसे लालची और बेईमान कोटेदार हैं,जो गरीब जनता के हक के राशन के ऊपर डाका डालने का काम कर रहे हैं।
यह तो पूरे प्रदेश में इस तरह के भ्रष्ट कोटेदारों की कमी नहीं है लेकिन सबसे बड़ी दु:ख की बात यह है एक खाद्य आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारी अपनी कमीशन खोरी के चक्कर में ऐसे कोटेदारों को बढ़ावा देने का काम करते हैं।
ऐसा ही कुछ मामला राजधानी लखनऊ के माल कैरोड़ा गांव क्षेत्र के कोटेदार का सामने आया है आपको बता दें कि लगभग पांच वर्षों से कोटेदार सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चला रहा है और इस व्यक्ति के ऊपर अनेकों बार कोटे में धांधली के आरोप लगे।
कोटा कुछ दिनों के लिए सस्पेंड भी होता है,लेकिन फिर बहाल हो जाता है।
आलम यह है कि इस भ्रष्ट कोटेदार को अब अधिकारियों का कोई डर नहीं है।
आलम यह है कि कोटेदार साफ लफ्जो में सबके सामने कहता है कि जिसकी जो मर्जी हो जहां शिकायत करनी हो कर लो।
यह सब मैं पांच सालों से देख रहा हूं और वह इसलिए कहता है कि उसे यह पता है कि भ्रष्टाचार अधिकारियों को पैसा खिलाकर फिर से अपने मामले पर लीपापोती करवा लेगा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर ऐसे भ्रष्ट कोटेदार गरीब जनता के राशन पर डाका डालते रहेंगे।
तो सरकार के द्वारा जनता के लिए चलाई जा रही जनकल्याण योजनाओं का लाभ जनता को कैसे मिलेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारी ऐसे भ्रष्ट कोटेदारों को कब तक संरक्षण देते हैं और सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम करते हैं।
कैरोड़ा गांव के कुछ लाभार्थीयों ने यह भी आरोप लगाया कि अभी तक हमको चना नहीं मिला है पुष्पा गुप्ता, शांति विश्वकर्मा, रामचंद्र, गंगाराम, पिंकी, रणविजय सिंह, रामरति, जय वीर, रामखेलावन, आदि लोग हैं जो कोटेदार के ऊपर खुलेआम आरोप लगा रहे हैं