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दलित-मुस्लिम एकता, “भाईचारा बनाओ, अधिकार बचाओ” सम्मेलन में गूंजी हुंकार,

 

 

 दलितों और मुस्लिमों में खौफ का माहौल खत्म करने को एकजुट,

ख़बर दृष्टिकोण संवाददाता समीर खान

लखनऊ। भाईचारा बनाओ अधिकार बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य दलितों और मुस्लिमों के बीच फैले डर के माहौल को खत्म करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना था। यह सम्मेलन कौमी भाईचारा मंच और भीम आर्मी भारत एकता मिशन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न धर्मों और जातियों के लोगों ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।

सम्मेलन में शिया धर्मगुरु मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज में आतंक और नफरत का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे दलितों और मुस्लिमों में भय पैदा हो रहा है। उन्होंने मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया और इसे अराजक तत्वों को बढ़ावा देने वाला बताया। मौलाना नक़वी ने गोकशी के नाम पर पुलिस द्वारा की जा रही अवैध उगाही और उत्पीड़न को बंद करने की मांग की। उन्होंने अपने संबोधन में अमेरिका और इजराइल को आतंकवाद का जन्मदाता बताया, और कहा कि जो भी उनका समर्थन करता है, वह भी आतंकी है।

भीम आर्मी भारत एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रत्न सिंह ने इस सम्मेलन को एक “सौगंध” बताया। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति को उसका हक नहीं मिल जाता, वे लड़ते रहेंगे, चाहे कितनी भी कठिनाइयां आएं। तेज बारिश के बावजूद लोगों की भारी संख्या में उपस्थिति देखकर विनय रत्न सिंह ने कहा कि यह बारिश उनके संकल्प को तोड़ने के बजाय और मजबूत कर गई है।

नायब इमामे जुमा मौलाना सय्यद रज़ा हैदर ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जुल्म करना जितना बड़ा पाप है, उतना ही बड़ा पाप जुल्म सहना भी है। पसमांदा समाज के अध्यक्ष मकसूद अंसारी और भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप भार्गव ने दलितों और मुस्लिमों से अपने अधिकारों के लिए स्वयं आगे बढ़ने का आह्वान किया, यह समझाते हुए कि अधिकार भीख में नहीं मिलते, उन्हें छीनना पड़ता है।

वरिष्ठ पत्रकार आमिर साबरी, जिन्होंने कार्यक्रम का संचालन किया, ने एक छह सूत्रीय प्रस्ताव पढ़कर सुनाया। इस प्रस्ताव को सम्मेलन में मौजूद सभी लोगों ने हाथ उठाकर अपनी स्वीकृति दी। यह ज्ञापन महामहिम राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति और माननीय उच्चतम न्यायालय को भेजा जाएगा, जिसमें दलितों और मुस्लिमों के मुद्दों और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की जाएगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने की और संचालन वरिष्ठ पत्रकार आमिर साबरी ने किया। इस अवसर पर शैलेन्द्र राजवंशी, विकास बाबू, ताहिर वारसी, पटेल साहब, दुर्वेश अंसारी और सुनील चौधरी जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। यह सम्मेलन लखनऊ की धरती पर एक ऐतिहासिक जज्बे की गवाह बना, जहां भारी बारिश भी लोगों के संघर्ष की लौ को बुझा नहीं पाई और उन्होंने “हमारा अस्तित्व खतरे में है, अब हम चुप नहीं बैठेंगे!” के नारे के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया।

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