
न्यायिक सेवा प्राधिकरण के नवीन कार्यालय भवन का हुआ लोकार्पण
खबर दृष्टिकोण।
लखनऊ। लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में नवनिर्मित उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय भवन का लोकार्पण कार्यक्रम शनिवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नई दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने समारोह में शिलापट्ट का अनावरण किया जिसके बाद फीता काटने के बाद भवन में प्रवेश कर भवन प्रांगण में वृक्षारोपण किया। इस क्रायक्रम में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गवई ने कारागार मुख्यालय द्वारा आयोजित “एक जेल, एक प्रोडक्ट” स्टाल का निरीक्षण किया। उन्होंने बंदियों के पुनर्वास के लिए कारागार विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उनके जीवन को संवारने के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की।जिसके उपरांत न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमती नगर में आयोजित एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 11 बजे दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति गवई सहित सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई वरिष्ठ न्यायाधीश उपस्थित रहे।कार्यक्रम में शामिल गणमान्य व्यक्तियों में माननीय न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा, और न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी सम्मिलित रहे । इसके अतिरिक्त, निदेशक न्यायिक प्रशिक्षण संस्थान, प्रमुख सचिव न्याय संजय सिंह (प्रथम), और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निदेशक नायक समरेन्द्र पी भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने विधिक सेवा प्राधिकरण की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने राज्य प्राधिकरण द्वारा लोक अदालतों के माध्यम से वादों के निस्तारण में की गई प्रगति पर प्रकाश डाला।न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने बंदियों के मानवाधिकार और उनके पुनर्वास पर जोर दिया, जबकि माननीय न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने “अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी” की भूमिका और बाल अपराधियों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गवई ने राज्य प्राधिकरण द्वारा विधिक सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की प्रशंसा की और इसे और अधिक सुदृढ़ करने की बात कही।इस एक दिवसीय कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, नवनियुक्त सिविल जज, समाज कल्याण अधिकारी, प्रोबेशन अधिकारी, कानूनी सहायता के अधिवक्ता, पराविधिक स्वयंसेवक, और विभिन्न लॉ कॉलेजों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम का संचालन शिखा श्रीवास्तव और निशांत देव ने किया। कार्यक्रम के अंत में न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।