खबर दृष्टिकोण संवाददाता
गोरखपुर। राष्ट्र के प्रति निःस्वार्थ सेवा की पहल “सेवा पखवाड़ा” के तहत पहली बार सद्भावना सेवा कार्य के लिए आध्यात्मिक प्रतिष्ठा और विश्व प्रसिद्ध “बड़ी शाही देग” शुद्ध शाकाहारी लगभग 4000 किलो लंगर सेवा वितरण किया गया जो कि खुद्दम ए ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ दूसरा निभायी जाने वाली एक पुरानी परंपरा है जो पिछले 550 वर्षों से सभी के लिए सेवा करते रहे है।
लंगर सेवा पखवाड़ा पहल की व्यवस्था हाजी सैयद सलमान चिश्ती, गद्दी नशीन – दरगाह अजमेर शरीफ व चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष और “भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन” संस्थापक अध्यक्ष सतनाम सिंह संधू साहब के साझा सहयोग से की गई है। अजमेर दरगाह शरीफ में “बड़ा शाही देग” दुनिया के सबसे बड़े खाना पकाने वाले कड़ाई में से एक है, जिसमें “4000 किलोग्राम” तक शुद्ध शाकाहारी लंगर तैयार करने की क्षमता है, यह एक परंपरा है जो पांच शताब्दियों से चली आ रही है। “लंगर” सेवा, विनम्रता और उदारता के चिश्ती सूफी मूल्यों का प्रतीक है और इसे दरगाह शरीफ के चल रहे आध्यात्मिक सेवा के नियत से ज़ायरीन, भक्तों और जरूरतमंदों में वितरित किया जाता है। शाही देग की देखरेख सैयद अफशान अहमद चिश्ती के साथ-साथ खुद्दाम ए ख्वाजा समुदाय के युवाओं ने की जो पिछले 800 वर्षों से लंगर खिदमत की सेवा कर रहे हैं। बड़ी शाही देग” की औपचारिक दुआ से की गई। इस समारोह में सभी की भलाई और समृद्धि के लिए दिल से प्रार्थना की गई और प्रधानमंत्री मोदी के सेवा और सामुदायिक विकास के सपने को साकार करने की दुआ की गई।
लंगर को दरगाह शरीफ के अंदर, आस-पास के मोहल्लों और आस-पास के गांवों में भी भेजा गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लंगर की बरकत दूर-दूर तक पहुंचे इस दुआ के साथ कि इस लंगर सेवा से हजारों लोग लाभान्वित होंगे जो सेवा पखवाड़ा की भावना के लिए एक उपयुक्त कार्य है। गोरखपुर दरगाह मुबारक खां शहीद के सदर इक़रार अहमद ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीते जन्मदिन के मौके पर सैयद सलमान चिश्ती साहब की सरपरस्ती में चार हज़ार किलो की शाही देग बना कर जायरीनों गरीबों मिस्कीनों ज़रूरतमंदों और असहायों में लंगर तकसीम किया गया है जो कि बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया है।