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गुणवत्ता बीज उत्पादन तकनीक पर पांच दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न

 

किसानों के लिए उन्नत बीज उत्पादन तकनीकों से समृद्धि की राह।

खबर दृष्टिकोण

मानपुर/सीतापुर।सौ दिवसीय कार्य योजना के अंतर्गत, कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया द्वारा बिसवां विकास खंड के ओरीपुर गांव में गुणवत्ता बीज उत्पादन तकनीक पर 5 दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को नवीनतम बीज उत्पादन तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि वे अधिक उत्पादकता प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकें।

कार्यक्रम संयोजक एवं फसल वैज्ञानिक डॉ. शिशिरकांत सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के चयन, बीज उपचार, मिट्टी परीक्षण, जल प्रबंधन, और उर्वरक उपयोग की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना था। इन तकनीकों से किसान अपनी फसल उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं, जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे उन्नत कृषि विधियों का लाभ भी उठा सकेंगे।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने विभिन्न पहलुओं पर गहन जानकारी प्रदान की डॉ0 दया शंकर श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि गुणवत्ता बीज उत्पादन न केवल किसान की पैदावार को बढ़ाता है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने किसानों को इस प्रशिक्षण में सिखाई गई तकनीकों को नियमित खेती में लागू करने पर जोर दिया।

डॉ. आनंद सिंह पशुपालन वैज्ञानिक ने अपने व्याख्यान में गुणवत्तायुक्त चारा बीज उत्पादन पर जानकारी दी। उन्होंने किसानों को उन्नत चारा उत्पादन तकनीकों से पशुपालन के क्षेत्र में लाभ उठाने के बारे में समझाया, जिससे उनके पशुओं की सेहत और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।

शैलेंद्र सिंह प्रसार वैज्ञानिक ने बीज उत्पादन, भंडारण एवं बाजार की व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किसान उन्नत बीज उत्पादन कर बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और इससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकता है।

सचिन प्रताप तोमर मृदा वैज्ञानिक ने मिट्टी परीक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन से पहले मिट्टी की जांच कर सही उर्वरक और पोषक तत्वों का चयन किया जाना चाहिए, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और मिट्टी की गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी।

डॉ. रीमा गृह वैज्ञानिक ने मोटे अनाजों के बीज उत्पादन की भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों की बढ़ती मांग को देखते हुए, किसान इसके बीज उत्पादन में निवेश कर सकते हैं, जो उनके लिए एक स्थायी आय का स्रोत बन सकता है।

डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह प्रक्षेत्र प्रबंधक ने फसल प्रबंधन पर गहन तकनीकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सही समय पर बीज बुवाई, जल प्रबंधन और कीट नियंत्रण के उपाय अपनाकर किसान अधिक उत्पादकता हासिल कर सकते हैं।

इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में ओरीपुर और आस-पास के गांवों से 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसानों ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए विशेषज्ञों से तकनीकी जानकारी प्राप्त की और अपनी खेती में उन्नत बीज उत्पादन की तकनीकों को अपनाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम के समापन पर, सभी विशेषज्ञों ने किसानों को प्रोत्साहित किया कि वे प्रशिक्षण में प्राप्त तकनीकों को अपने खेतों में लागू करें। किसानों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे उनकी कृषि उत्पादकता में सकारात्मक बदलाव आएगा और वे उन्नत तकनीकों से अपने खेतों को अधिक लाभकारी बना सकेंगे।

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