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मिश्रित/सीतापुर। नैमिषारण्य धाम 88 हजार ऋषि मुनियों की तपोस्थली आने वाले श्रद्धालुओं का जल्द एक भव्य प्रवेश द्वार स्वागत करेगा। इस प्रवेश द्वार को चक्रतीर्थ के मुख्य द्वार के रूप में स्थापित किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इसका डिजाइन तैयार करवा लिया है। यह द्वार बेहद आकर्षक नागर शैली में तैयार किया जाएगा। गौरतलब है कि नागर शैली या नागर स्थापत्य शैली मंदिर वास्तुकला की एक हिंदू शैली है। यह स्थापत्य शैली उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी भारत में लोकप्रिय है। विशेष रूप से मालवा, राजपूताना और कलिंग के आसपास के क्षेत्रों में इस शैली के मंदिर दिखाई देते हैं।
प्रवेश द्वार को एक निजी कंपनी बनाएगी। कार्ययोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह ने बताया कि तीर्थ का मुख्य द्वार काफी सुंदर व भव्य बनेगा। इसकी ऊंचाई करीब 50 फीट रहेगी। चौड़ाई भी 47 फीट के आसपास रहेगी। इसे नागर शैली में बनाया जाएगा। प्रवेश द्वार पर भव्य ब्रह्मा की मूर्ति बनाई जाएगी। इसके साथ एक सुंदरर गार्डेन, चक्रतीर्थ पर दो मंजिला विजिटर फैसिलटीज सेंटर, सैंड स्टोन से चक्रतीर्थ घाट की सीढि़यों का सौंदर्यीकरण, इंट्रेंस पवेलियन का काम कराया जाएगा। कार्ययोजना पर करीब 9 करोड़ 72 लाख 92 हजार रुपये खर्च होंगे।
तोड़ा जा रहा पुराना प्रवेश द्वार
इस द्वार के निर्माण के लिए पुराना प्रवेश द्वार तोड़ा जा रहा है। इसके बाद नये द्वार को बनाने का कार्य तेज गति से किया जाएगा। चक्रतीर्थ के दक्षिण व पूरब दिशा का द्वार बनकर तैयार है। अब प्रमुख द्वार बनना बाकी है।
