अंकित कुमार द्विवेदी खबर दृष्टिकोण
*रमजान उल मुबारक* की 27वीं शब को अल्हम्दुलिल्लाह कुरआन की तकमील के मुकदस मौके पर लोगों ने अपने ईमानी जज्बात के साथ *जामिया *रिजविया गुलशन ए बरकत कदौरा* से मुनसलिक *जामा मस्जिद सुल्तान उल हिंद* में शिरकत की सआदत हासिल की जामा मस्जिद में तराविह पढ़ाने वाले हजरत हाफिज मौलाना इकराम उल हक ने कुरआन मुकम्मल करने के साथ-साथ लोगों को इस बात से आगाह किया के रमजान मुबारक के आखिरी अशरे में शबे कादर तलाश करो वह शबे कादर जिसकी कुरान ने तारीफ की उस रात में इबादत करना हजार महीनों से बहतर है, तराविह मुकम्मल होने के बाद लोगो ने मौलाना इकराम उल साहब को मुबारक बाद पेश की जिस मे इफितखार भाई अफसर जमा भाई सुआब भाई हाफिज हबीब चिश्ती साहब निजामुद्दीन हारून भाई शैखू मास्टर साहब अब्दुल हुई मास्टर साहब नूरुल भाई कासिम भाई साहिल मौजूद रहे।