खबर दृष्टिकोण संवाददाता दिवाकर मिश्रा
फतेहपुर। संवेदना सेवा न्यास द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के आठवें दिन पूज्य आचार्य शांतनु जी महाराज ने भरत मिलाप की कथा का मार्मिक वर्णन किया जिसे सुन भक्त भावुक हो गये। कथा को आगे बढाते हुये आचार्य शांतनु जी महाराज कहते हैं कि जग जप राम राम जप जेहि, अर्थात भगवान स्वयं भरत जी का स्मरण करते हैं भरत जैसा भाई न हुआ है और न होगा। भगवान श्रीराम ने स्वयं कहा कि लखन और भरत जैसा पवित्र भाई संसार मे नहीं मिल सकता। भरत जी की साधना को बताते हुए आचार्य कहते हैं कि भरत की कठिन साधना को देखकर बड़े बड़े साधु संत भी उनके पास जाने में घबराते थे। पिता दशरथ की मृत्यु और भगवान के वन गमन का समाचार मिलने पर भरत जी विह्वल हो गए और विलाप करने लगे। माता कैकेई को बहुत बुरा भला कहा सारी सभा को फटकार लगाई। कौशिल्या जी के समझाने पर भरत जी शांत हुए है और सबको आश्वासन दि़या कि हम सबको भगवान से मिलाने ले चलेंगे और पूरी प्रजा भरत जी के साथ भगवान से मिलने चित्रकूट चली गई। भगवान से मिलन होने पर भरत प्रभु को अयोध्या साथ चलने के लिये कहते हैं लेकिन भगवान के आदेश से उनकी पादुका सिरोधार्य कर भरत जी अयोध्या वापस आ जाते है और उसी पादुका को सिंहासन पर रखकर अयोध्या के राजकाज को संभाला। गीत संगीत के बीच आचार्य ने रामभक्त ले चला रे राम की निशानी गीत गाया तो भक्त मंत्र मुग्ध हो गये।
राम कथा में प्रमुख यजमान राकेश श्रीवास्तव के साथ जयराज सिंह, पूनम श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह भदौरिया, डा0 पवन बाजपेई यजमान के रूप में मौजूद रहे। सरस्वती विद्या मंदिर और गोमती स्वीट हाउस की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान डा0 देवाशीष चौधरी, पूर्व विभाग प्रचारक आरएसएस झांसी अरूण जी, विभाग कार्यवाह आरएसएस ज्ञानेंद्र सिंह, विभाग संपर्क प्रमुभ प्रदीप, समाजसेवी अशोक तपस्वी, भानु प्रताप सिंह, भाजपा महामंत्री पुष्पराज पटेल, महामंत्री नीरज सिंह, मनोज मिश्रा मनु, अश्वनी सिंह, अनुराग मिश्रा, आदित्य पांडेय, स्मिता सिंह, प्रेमा सिंह राठौर, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, संतोष सिंह राजू, आनंद मौर्या, आरएस एक्सेल स्कूल के प्रबंधक मयूर गुप्ता, शिवगोपाल सिंह एडवोकेट, शालिनी श्रीवास्तव, विनय प्रजापति, पुष्पराज पटेल, नीरज सिंह, कुलदीप भदौरिया, आयोजन समिति के संयोजक स्वरूप राज सिंह जूली, सह संयोजक विशेष बाजपेई, संवेदना सेवा न्यास के संस्थापक अध्यक्ष पंकज, संवेदना सेवा न्यास के आजीवन संरक्षक अनुराग त्रिपाठी, नमामि गंगे संयोजक शैलेंद्र शरन सिंपल, हिमांशु श्रीवास्तव, विनीत श्रीवास्तव आदि भक्त मौजूद रहे।