विद्युत व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए प्रदेशवासियों का सहयोग प्रार्थनीय है
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
प्रदेश में भीषण गर्मी, उमस भरे मौसम एवं लू के कारण विद्युत की मांग सर्वाधिक बढ़ गई है, जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है उपभोक्ताओं के लिए विद्युत की बढ़ी हुई मांग को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने में विद्युत कार्मिकों के लिए काफी चुनौती पूर्ण कार्य बन जाता है। उत्तर प्रदेश का ऊर्जा विभाग ने इस चुनौती को सकुशल पूरा कर एक बार फिर से पिछले वर्ष की भांति महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए देश में सर्वाधिक पिक डिमांड को कुशलतापूर्वक पूरा करने का रिकॉर्ड बनाया है। दो वर्ष पहले तक यह रिकॉर्ड पूरे देश में महाराष्ट्र के नाम था।
उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग ने पिछले वर्ष की भांति ही इस वर्ष भी पीक आवर में पूरे देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है और इस मामले में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कुशल प्रबंधन एवम् बेहतरीन नेतृत्व की बदौलत ही यह सम्भव हो सका है, जिसकी प्रशंसा पूरे देश में हुई है।
उत्तर प्रदेश में 28 मई, 2024 को 29282 मेगावाट की देश में सर्वाधिक पीक डिमांड थी, जबकि महाराष्ट्र में 23 मई को अभी तक की सर्वाधिक पीक डिमांड मात्र 27517 मेगावाट ही थी। उस दिन भी प्रदेश में 28010 मेगावाट विद्युत की पीक डिमांड थी।
प्रदेश में एक सप्ताह की विद्युत की पीक मांग पर दृष्टि डालें तो 23 मई को 28010 मेगावाट, 24 मई को 29147 मेगावाट, 25 मई को 29215 मेगावाट, 26 मई को 29084 मेगावाट, 27 मई को 29261 मेगावाट, 28 मई को 29282 मेगावाट तथा 29 मई को 29077 मेगावाट विद्युत की पीक मांग को सकुशल पूरा किया गया और प्रदेशवासियों को प्रचंड गर्मी में विद्युत संकट का सामना नहीं करना पड़ा, जहां कहीं पर भी अतिभारिता व स्थानीय दोषों के कारण आपूर्ति में व्यवधान हुआ, उसे भी शीघ्र ही ठीक करने का प्रयास किया गया।
वर्तमान में गर्मी पूरे चरम पर है। शाम को तथा रात्रि में भी इस बार तापमान में विशेष गिरावट नहीं हो रही है। भीषण गर्मी का कहर प्रदेश के विद्युत तंत्र तथा उत्पादन कर रही इकाइयों की क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है। जैसे-जैसे तापमान की तपिश लगातार बढ़ रही है वैसे वैसे विद्युत् की डिमांड भी बढ़ रही है। प्रदेश में बढ़ी हुई विद्युत् मांग के अनुपात में ही पावर कॉरपोरेशन अनवरत विद्युत् आपूर्ति कर रहा है। प्रदेश के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों को मिलाकर लगभग 4634 सबस्टेशन उपभोक्ताओं तक विद्युत आपूर्ति करने का कार्य सुचारू रूप से कर रहे हैं। इसमें से मात्र 40 उपकेंद्रों पर ग्रीष्मकाल की बढ़ती विद्युत् डिमांड का प्रभाव देखा गया और ओवरलोडिंग पाई गई, जिसे फौरी तौर पर समीप स्थित सब स्टेशनों से लोड बांटकर विद्युत् आपूर्ति सामान्य रहे, इसकी कार्यवाही की गई है। स्थाई समाधान के लिए बिजनेस प्लान के अंतर्गत इन सभी स्टेशनों पर कार्य कराया जा रहा है ।
विद्युत कर्मी उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने तथा विद्युत आपूर्ति की बहाली में दिन-रात लगे हैं, ऐसी विषम परिस्थिति में प्रदेशवासियों का भी सहयोग प्रार्थनीय है, जिससे कि किसी भी प्रकार से विद्युत् व्यवस्था प्रभावित न हो।