ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर
रिपोर्ट —— मेहेरवान सिंह कुशवाहा
खबर दृष्टिकोण (जालौन)
वर्तमान में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां एक और गांधी जयंन्ती के अवसर पर झाड़ू लेकर के स्वच्छता पखवाड़ा मना रही है ,स्वच्छता अभियान के बड़े-बड़े दावे कर रही है , “”खुले में शौच से मुक्त”” करने का गांव-गांव में अभियान चला रही है। लेकिन उसके यह बड़े-बड़े दावे ,उसका यह अभियान पूर्ण रूप से खोखला साबित हो रहा है ।इस मामले में हम आपको एक सच्चाई से रूबरू कराने जा रहे हैं। मामला जनपद -जालौन की कालपी तहसील के महेबा विकासखंण्ड की ग्राम पंचायत सरसई का है। यहां पर जो सरकार के द्वारा सामुदायिक शौचालय बनवाया गया है उसमें वर्षों से ताला लटक रहा है ।इस संम्बंन्ध में हम आपको बता दें कि आज जब हमारे रिपोर्टर ने इस शौचालय की जमीनी हकीकत के बारे में पता किया तो वहां जाकर के देखा कि शौचालय में दोनों तरफ ताला लटक रहा है ।शौचालय के अन्दर और बाहर गंन्दगी का अंम्बार लगा हुआ है । शौचालय को बाहर से देखने पर तो यह लग रहा है कि इसके अंन्दर ना तो अभी अच्छी तरह से सीट ही लगाईं गईं हैं और ना ही यह शौचालय एक भी दिन उपयोग में लाया गया है ।ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं । ग्राम सरसई में जिस जगह पर यह शौचालय बना हुआ है उसके आस-पास सबसे ज्यादा 90% आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी है । अनुसूचित जाति के लोगों को कोई मूलभूत सुविधाएं न मिलने के कारण ,उनके घरों में शौचालय न होने के कारण उनकी बहू बेटियां खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ।इस सम्बन्ध में जब जिला जालौन के जिला पंचायत राज अधिकारी (पंचायती राज विभाग) श्री राम अयोध्या प्रसाद जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे अभी इस जिले में आये हुए केवल एक हफ्ते का समय हुआ है ।अभी तो मुझे भी इसकी पूर्ण रूप से जानकारी नहीं है ।जब आप हमें इसकी जानकारी देंगे तब हम इसको दिखवाते हैं। उन्होंने बंन्द पड़े सामुदायिक शौचालय की वीडियो और फोटो मांगी है जो कि हमारे रिपोर्टर ने उन्हें उपलब्ध करा दी है ।अब इस संम्बंन्ध में देखना यह है कि इस मामले में हमारे नवागंन्तुक जिला पंचायत राज अधिकारी महोदय कोई कार्रवाई कर पाते हैं कि नहीं।अथवा फिर मामला वही टांय-टांय फिस्स -फिस्स रह जाता है ।
