खबर दृष्टिकोण संवाददाता जालौन
स्वागत समारोह के मंच से एक जनप्रतिनिधि को दे डाली नसीहत
बोले यह सब किया तो पार्टी पैदल करना भी जानती है
। अवसर था कोंच में भाजपा जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित के प्रथम बार नगर आगमन पर स्वागत का। इसके लिए कोंच के गहोई भवन में स्वागत समारोह आयोजित किया गया। अपने गृह नगर में केंद्रीय राज्य मंत्री भानुप्रताप वर्मा ने उनका स्वागत किया और फिर मंच संभाला और संबोधन शुरू किया तो मौजूदा जिले के हालातों को देखते हुए क्रोध भरे लहजे में सीधे तौर पर दूसरे दल से भाजपा में आए एक नेता को निशाने पर लिया। कहा कि सत्ता की धौंस में निर्दोषों पर फर्जी कार्रवाई कराने के आदी जनप्रतिनिधियों को पार्टी कुछ देना जानती है तो पैदल करना भी जानती है। यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पिछले दिनों एक मामले को लेकर पूर्व ब्लाक प्रमुख सुदामा दीक्षित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा । इस गिरफ्तारी के पीछे भाजपा के ही एक नेता का हाथ माना जा रहा है। गिरफ्तारी को लेकर जिले भर में आलोचना शुरू हो गयी। खासतौर पर ब्राह्मण वर्ग इससे नाराज है। इसकी जानकारी भाजपा को भी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा फिर से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जिस प्रकार की राजनैतिक गतिविधियां इस वक्त हैं इससे भानु प्रताप वर्मा भी चिंतित हुए हैं। बताया जाता है कि पार्टी के एक नेता से इस वक्त वह काफी नाराज हैं।
मामला सपा के नेता का है पर बेचैनी अब भाजपा में है। कल से आज तक केंद्रीय राज्य मंत्री कई जगह नाम लिए बिना काफी करारे प्रहार कर चुके हैं। कोंच के गहोई भवन में भाजपा विधायक मूलचंद निरंजन की मौजूदगी में मंत्री ने कहा कि जो जनप्रतिनिधि गरीबों का उत्पीड़न करते हैं या सत्ता की धौंस में निर्दोषों पर फर्जी कार्रवाई के आदी हैं तो ऐसे लोगों को पार्टी पैदल करना भी जानती है। इशारा साफ उस नेता पर था जो किसी दूसरे दल से भाजपा में लोकसभा चुनाव के वक्त आये थे।
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पेंशनर्स के बीच बोले केंद्रीय मंत्री
उरई। केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा की नाराजगी सिर्फ कोंच में ही नहीं दिखी। रविवार को वह उरई के जानकी पैलेस में आयोजित पेंशनर्स कार्यक्रम में भी तल्ख दिखे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाजपा में दूसरे दलों से आये हैं, वे अब हमारे यहां लंगूर जैसी छलांग लगा रहे हैं।
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सत्ता का गुरूर ठीक नहीं
उरई। एक दिन पहले कुठौंद में उन्होंने कहा कि सत्ता के गुरूर में किसी नेता को इतनी ताकत नहीं मिल जाती है कि वह किसी निर्दोष या गरीब को धमकी दे या उसे फर्जी मामले में फँसाये। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें ये भी समझ लेना चाहिए कि भाजपा यदि पद दिला सकती है तो पद छीन कर पैदल भी करवा सकती है।
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साधारण कार्यकर्ता भी परेशान
उरई। भाजपा के भीतर ही मची इस उठापटक से साधारण कार्यकर्ता भी परेशान है। जिले के गांव गांव अब पूर्व ब्लाक प्रमुख सुदामा दीक्षित के जेल जाने की ही चर्चा हो रही है । ब्राह्मण वर्ग में इस प्रकरण को लेकर खासा आक्रोश पनप रहा है। यदि इसे थामा न गया तो भविष्य में विरोधी दल इसे मुद्दा बनाने से पीछे नहीं रहेंगे और इसका सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा का एक बड़ा धड़ा यह मान रहा है कि जिस प्रकार से राजनैतिक शत्रुता हो रही है, इससे जिले को भी नुकसान होगा।