ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के दूरदर्शी नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय ने कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की हैं जिनका उद्देश्य बड़ी संख्या में छात्रों को सहायता प्रदान करना है। इन योजनाओं में छात्र कल्याण छात्रवृत्ति, कर्मयोगी योजना और शोध मेधा छात्रवृत्ति शामिल हैं, जो स्टूडेंट कल्याण फंड से योग्य और प्रतिभाशाली छात्रों को प्रदान की जाती हैं।
कोविड महामारी के कठिन समय में माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने “अर्पण- अडॉप्ट अ ब्रेन” योजना की शुरुआत की, जिसमें आर्थिक मंदी से प्रभावित परिवारों से संबंध रखने वाले 70 से अधिक छात्रों को आर्थिक और मानसिक सहायता प्रदान की गई। इस योजना में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, पुराने छात्रों और कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसके अलावा, वीसी केयर फंड एक अनूठी पहल है, जो छात्रों को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
प्रो पूनम टंडन, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने बताया कि छात्र कल्याण छात्रवृत्ति के लिए 322 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 50 छात्रों को उनकी प्रतिभा और विभागवार वितरण के आधार पर चुना गया है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि ये पात्र छात्र Rs. 15,000/- की आर्थिक सहायता प्राप्त करेंगे और यह छात्रवृत्ति राशि पहले ही उनके संबंधित बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। कुलपति जी ने चयनित छात्रों के साथ बात चीत की और उन्हें प्रमाणपत्र वितरित किए। इस अवसर पर, उन्होंने बताया कि इस साल छात्र कल्याण छात्रवृत्ति योजना के तीसरे चरण के सफल प्रयास का आयोजन हुआ है।
छात्र कल्याण छात्रवृत्ति योजना कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा छात्रों के कल्याण के प्रति समर्पण के साथ शुरू की गई इस योजना द्वारा योग्य छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान कर छात्रों के शिक्षानुभव को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह उनके आकांक्षाओं को पूरा करने में भी सहायक है।
लखनऊ विश्वविद्यालय अपने सभी छात्रों के लिए समावेशी और सहायक वातावरण बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के साथ, विश्वविद्यालय छात्र समुदाय को सशक्त बनाने और ऊँचाईयों की ओर उन्मुख करने के लिए नवाचारी पहलों का विकास करता रहेगा।