भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता स्थान व उज्जवल बिंदु है
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक रिपोर्ट 2023 में भारत की बल्ले-बल्ले पर मोहर से हर भारतीय गौरवविंत है – एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत जिस तरह से हर क्षेत्र में विकास के श्रेष्ठ झंडे पूरे जोर-शोर से के साथ गाड़ कर आगे बढ़ रहा है, जिसकी जानकारी रोज़ मीडिया, पीआईबी व शासकीय प्रेस रिलीज मंत्रियों के बयानों,संबोधन से प्राप्त होती है। दिनांक 17 मई 2023 को भारत मोबाइल निर्यात में दूसरे नंबर पर पहुंच चुकाहै तो भारत यूरोपीय संघव्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) बैठक के बाद बताया गया भारत यूरोपीय संघ एफटीए बात अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। बता देंगे अनेक देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हैं और अनेकों के साथ प्रोसेस शुरू है तो फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रमुख भूमिका है ऐसे अनेक क्षेत्रों में भारत का वर्चस्व बढ़ते जा रहा है। यही कारण है कि भारत के अब वैश्विक अर्थव्यस्था में तीन नंबर तक पहुंचने में कुछ ही कदम दूरी पर है तथा शीघ्र ही नंबर वन तक पहुंचने के प्रयासों में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसपर मोहर आज 17 मई 2023 को देर शाम जारी संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक रिपोर्ट 2023 ने भी मुहर लगाई जिसकी चर्चा हम नीचे के पैरा में करेंगे। बता दें इसके पहले 22 अप्रैल 2023 को विश्व बैंक द्वारा जारी लॉजिस्टिक इंडेक्स में दबदबा, वैक्सीन का सराहनीय डोज विस्तार व उपचार सहित अनेक उपलब्धियों की बारिश होना जारी है। चूंकि 17 मई 2023 को जारी संयुक्त राष्ट्र की मिड ईयर अपडेट रिपोर्ट जारी में भारत का तेजी से विस्तार करने वाली अर्थव्यवस्था और चमकता उज्जवल स्थान बताया गया है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, यूएस मिड ईयर अपडेट आर्थिक रिपोर्ट 2023 में भारत की बल्ले-बल्ले पर मोहर लगी।
साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिनांक 17 मई 2023 को देर शाम जारी रिपोर्ट की करें तो, रिपोर्ट कहती है कि भारत, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, 2023 में 5.8 प्रतिशत और 2024 (कैलेंडर वर्ष आधार) में 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा। हालांकि, ऊंची ब्याज दरों और कमजोर बाहरी मांग से 2023 में देश के निवेश और निर्यात पर दबाव बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारत में महंगाई की दर घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। वैश्विक स्तरपर जिंस कीमतों में कमी तथा मुद्रा के मूल्य में गिरावट की रफ्तार धीमी होने से आयातित मुद्रास्फीति कम होगी।रिपोर्ट कहती है कि भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी रहेगी। हालांकि, अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए संभावनाएं अधिक चुनौतीपूर्ण हैं। प्रमुख रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में होगा। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की वैश्विक आर्थिक निगरानी इकाई, आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक चमकता स्थान है।भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक एजेंसी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत स्थल बना हुआ है। भारत के लिए हमारा अनुमान जनवरी से जो था वह नहीं बदला है और हम कई सकारात्मक चीजें देखते हैं। इनमें महंगाई भी शामिल है जो काफी नीचे आई है।भारत की मुद्रास्फीति लगभग 5.5 प्रतिशत है जबकि दक्षिण एशिया के लिए क्षेत्रीय औसत 11 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इसका मतबल है कि राजकोषीय विस्तार और मौद्रिक स्तर पर काफी गुंजाइश है जो घरेलू मांग को समर्थन देगा।हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाहरी जोखिम बना हुआ है। राशिद ने कहा, यदि बाहरी वित्त की स्थिति और खराब होती है, तो भारत को कुछ चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है।रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था के अब 2023 में 2.3 प्रतिशत (जनवरी पूर्वानुमान से 0.4 प्रतिशत अंक अधिक) और 2024 में 2.5 प्रतिशत (0.2 प्रतिशत अंक कम) की दर से बढ़ने का अनुमान है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था, जबकि विश्व बैंक (डब्ल्यूबी) ने इसे 6.3 फीसदी और एशियाई विकास बैंक ने 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। भारत के रिजर्व बैंक का अनुमान 6.5 फीसदी है. लेकिन दोनों बड़े अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने अनुमानों को पहले वाले से थोड़ा कम कर दिया – आईएमएफ ने 0.2 फीसदी और विश्व बैंक ने 0.3 फीसदी।संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट में पूरे दक्षिण एशिया के लिए समग्र विकास परियोजनाओं में 0.1 फीसदी की कटौती कर इस वर्ष 4.7 फीसदी और अगले वर्ष 5.8 फीसदी कर दिया गया है।स्थानीय मुद्राओं के कमजोर होने के कारण पाकिस्तान और श्रीलंका के लिए मुद्रास्फीति की दर दोहरे अंकों में रहने की उम्मीद है, लेकिन भारत की मुद्रास्फीति में 5.5 फीसदी की गिरावट का परिणाम होगा, क्योंकि वैश्विक कमोडिटी की कीमतें मध्यम और धीमी मुद्रा की सराहना आयातित मुद्रास्फीति को कम करती है। इस रिपोर्ट में इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास संभावनाओं में उम्मीद की किरण देखी गई, जो जनवरी के प्रक्षेपण से 0.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 2.3 फीसदी हो गई, हालांकि आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के निदेशक ने चेतावनी दी कि उदास तस्वीर अभी भी कायम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, जो दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, उसकी विकास संभावनाएं जनवरी से 0.5 फीसदी बढ़कर 5.3 फीसदी हो गईं, असके कारण कोविड प्रतिबंध हटा लिए गए, जिससे उपभोक्ता खर्च और निवेश में सुधार हुआ। रिपोर्ट के अमेरिकी विकास अनुमान को 0.7 फीसदी से बढ़ाकर 1.1 फीसदी और यूरोपीय संघ के 0.7 फीसदी से 0.9 फीसदी तक बढ़ाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों के लिए पूंजी प्रवाह दोबारा हासिल हुआ, हालांकि महत्वपूर्ण अस्थिरता के साथ, 2022 की पहली छमाही में गिरावट को उलट दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में चल रही बैंकिंग उथल-पुथल के बावजूद वैश्विक वित्तीय बाजार काफी हद तक लचीला बना हुआ है. हालांकि नियामक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के पतन की उथल-पुथल को रोकने में कामयाब रहे और यूएस में जेपी मॉर्गन चेस को बिक्री के लिए फस्र्ट रिपब्लिक बैंक की सरकारी जब्ती और यूबीएस द्वारा क्रेडिट सुइस के स्विस सरकार दलाली अधिग्रहण, रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास ने अधिक व्यवस्थित वित्तीय स्थिरता जोखिमों की क्षमता को दिखाया। चीन की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाया।अमेरिका के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवारों का खर्च बेहतर रहने से 2023 में उसकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 1.1 प्रतिशत किया गया है। वहीं, यूरोपीय अर्थव्यवस्था के 0.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इस साल के लिए चीन की वृद्धि दर के अनुमान को 4.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत किया गया है।
साथियों बातें कर हम बज़ट 2023 के क्रियान्वयन करने की करें तो जिस तरह भारत ने बजट 2023 में विकास योजनाओं और विज़न 2047 को पटरी बनाकर योजनाओं रूपी गाड़ी को दौड़ाया जा रहा है बजट एलोकेशन क्रियान्वयन किए जा रहे हैं, वह रेखांकित करने योग्य है। अभी कुछ दिन पूर्व ही माननीय केंद्रीय मंत्री ने भारत में मंदी की ज़ीरो संभावना व्यक्त की थी जो इसके पूर्व एक रेटिंग एजेंसी ने भी भारत का वैश्विक मंदी में जीरो रैंकिंग किया है, जिसकी चर्चा हम पिछले आर्टिकल में कर चुके हैं।
साथियों बात अगर हम विश्व बैंक द्वारा 22 अप्रैल 2023 को जारी लॉजिस्टिक इंडेक्स की करें तो, भारत को 160 देशों में से 38 वें स्थान पर रखा है, जबकि 2014 में एलपीआई रैंक 54 थी, जो 16 स्थानों की छलांग थी।एलपीआई एक इंटरएक्टिव बेंचमार्किंग टूल है जो देशों को व्यापार रसद में आने वाली चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
साथियों बात अगर हम भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के पिछले 9 माह के सबसे उच्च स्तर के आंकड़े पर पहुंचने की करें तो, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह वृद्धि दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तरपर भारत के बारे में यह सोच बनती जा रही है कि भारत हर मौके पर सकारात्मक चौका लगाने से नहीं चूकता और उसकी सोच छक्के लगाने की ओर बढ़ती चली जाती है। जी हां ! दुनिया बिल्कुल ठीक सोच रही है, क्योंकि बीते कुछ वर्षों से अनेकों मौके पर, फ़िर कोविड काल में ज़ज्बे और जांबाज़ी से मुकाबला कर वैक्सीनेशन कर फ़िर एक्स्ट्रा करीब 100 देशों को भी सप्लाई किया और फिर अभी जी-20 ग्रुप की अध्यक्षता कर रहा है जिसमें तेजी से नीतियों रणनीतियों के तहत भारत के हर क्षेत्रों को अवसरों की बारिश दे रहा है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र 2023 की मध्य तक वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं रिपोर्ट जारी। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकता स्थान व उज्जवल बिंदु है।संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक रिपोर्ट 2023 में भारत की बल्ले-बल्ले पर मोहर से हर भारतीय गौरवविंत है।
संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र