(ओपीएस, भत्तों की बहाली, संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण तथा निजीकरण पर रोक की मांग )
मोहनलालगंज।प्रदेश में 25 वर्षो से चले आ रहे कर्मचारियों-शिक्षकों के संयुक्त संगठन, संयुक्त संघर्ष संचालन समिति उत्तर प्रदेश जिसे सब एस-4 के नाम से जानते है, को पुनः सक्रिय करते हुए विस्तारित कार्यसमिति की घोषणा बैठक के बाद हुयी। यह जानकारी देते हुए एस-4 के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि ओपीएस की बहाली के अभियान को तेज करते हुए उत्तर प्रदेश में समाप्त किये गए विभिन्न भत्तों की बहाली, संविदा कर्मियों के विनायमितिकरण तथा निजीकरण/आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने की माँग सरकार से भी उठाई
गई ।मीडिया प्रभारी मनोज कुमार यादव ने आगे बताया कि वर्तमान में राज्य कर्मचारी, प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षकों ,निकाय कर्मचारियों, रोडवेज, राजकीय महाविद्यालय के शिक्षकों, राजकीय शिक्षक, शिक्षामित्र, आश्रम पद्धति विद्यालय तथा उर्दू के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मी, होमगार्ड्स, पीआरडी, ग्राम रोजगार सेवक ,रसोइयों, आंगनवाड़ी, मनरेगा,अनुदेशक, एआरपी सहित विभिन्न विभागों के आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मियो के संगठन शमील है। कर्मचारी नेताओ ने कहा कि जल्दी ही कार्यसमिति की बैठक राजधानी लखनऊ में बुलाकर भावी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।इस मौके पर एस-4 के सयोजक जगदीश पांडेय(अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश-ठकुराई गुट) ,विनय कुमार सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष (पीएसपीएसए) तथा आर.के.निगम (महामंत्री, राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश समेत पदाधिकारी मौजूद रहें।