नियामतपुर जालौन- 19 मार्च को विकासखंड महेवा के दर्जनों गांवों में तूफानी बारिश के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है 1:00 बजे दिन में तेज हवाओं के साथ पहले ओलावृष्टि हुई इसके बाद भारी वर्षा शुरू हो गई करीब 1 घंटे तक वर्षा के कारण किसानों की फसल चौपट हो गई प्राप्त जानकारी के अनुसार मुसमरिया बाबई सरसई दमरास नियामतपुर न्याय पंचायतों में वे मौसम बरसात ने भारी तबाही मचाई है किसानों की सरसों मसूर मटर चना की फसलें खेतों में रखी थी जो पूरी तरह से बेकार हो गई है क्योंकि यह दलहनी फसलें हैं जो भीगने के कारण जल्दी खराब हो जाती हैं उक्त फसलें पानी में भीगने से काली पड़ जाती हैं जो बाजार में बिकने के काबिल नहीं रहती है उक्त फसलों के खराब होने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है वहीं गेहूं तथा जौ की फसलें खेतों मे खड़ी थी जो तेज हवा के कारण धराशायी हो गई हैं फसलों के गिर जाने से कटाई की बहुत बड़ी समस्या हो गई है क्योंकि हार्वेस्टर व ट्रैक्टर तथा रीपर से धराशायी फसलों की किसी भी प्रकार से कटाई नहीं हो सकती है ऐसी स्थिति में मजदूरों से फसल कटवाना पड़ेगी वर्तमान समय में मजदूरी इतनी ज्यादा है कि किसानों को फसल में कुछ भी बचने वाला नहीं है महादेव प्रधान निपनिया आनंद राठौर प्रधान सिम्हारा कासिमपुर सिद्धेश्वर चतुर्वेदी पूर्व प्रधान जरारा राजकुमार चतुर्वेदी सरैनी ने बताया है कि किसानो की फसल पूरी तरह से तैयार थी मगर अचानक ओला वृष्टि तथा भारी बारिश से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है जैसे कि किसी भूखे व्यक्ति के सामने भोजन से भरी हुई थाली रखी हो और वह खाने ही वाला हो और उसके आगे से खींच ली जाए तो उस पर क्या बीतेगी बस यही हाल इस समय किसानों का है भोजन से भरी थाली किसानों के हाथों से प्रकृति ने खींच ली है भारी नुकसान के कारण किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है किसानों ने जो सरकार से ऋण लेकर अपनी फसल बोयी हुई थी उसको अदा करना बहुत मुश्किल होगा ऐसी स्थिति में सरकार को हर कीमत पर किसानों की मदद करनी चाहिए यदि सरकार द्वारा किसानों की मदद नहीं की गई तो किसान भुखमरी के कगार पर तो पहुंच ही गया है इसके साथ यदि सहायता ना मिली तो वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पायेगा फिलहाल कुछ भी हो भयानक बारिस और ओलावृष्टि ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।