लखनऊ, पंजाब से यूपी लाए गए बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। वह मऊ विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का विधायक है। विधानसभा सत्र की कार्यवाही में लगातार 60 दिन शामिल न होने के कारण उसकी विधायकी खत्म की जा सकती है। इस आशय की एक याचिका भी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के पास विचाराधीन है। इसे विधिक राय के लिए भेजा गया है। आगामी विधानसभा सत्र में याचिका पर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद-190 में व्यवस्था है कि यदि कोई सदस्य सदन की कार्यवाही में लगातार 60 दिन बिना जानकारी दिए अनुपस्थित रहता है तो सदन उसकी सदस्यता समाप्त कर सीट को रिक्त घोषित करने का फैसला ले सकता है। गत चार नवंबर, 2020 को वाराणसी निवासी सुधीर सिंह ने मुख्तार अंसारी की विधानसभा से सदस्यता समाप्त कराने की याचिका दी थी। उसमें कहा गया था कि जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी लंबे समय से विधानसभा की बैठकों में शामिल नहीं हो रहा है, जिस कारण उसकी सदस्यता नियमानुसार समाप्त की जानी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि मुख्तार पर कार्रवाई की तैयारी है। विधिक राय लेने के अलावा सदन में मुख्तार की गैरहाजिरी के दिनों की गणना भी करा ली गई है, जो 60 दिन से अधिक है।याचिकाकर्ता बाहुबली मुख्तार विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह का कहना है कि इस बारे में वह विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना से अलग-अलग मिलकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं, जिस पर सभी ने नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया है।उधर, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सदन से बिना सूचना दिए लगातार कम से कम से 60 दिन अनुपस्थित रहने पर सदस्यता समाप्त की जा सकती है। यह फैसला चूंकि सदन को लेना होता है तो इस पर सदन में विचार अनिवार्य है।