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कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने राजस्व प्राप्तियों को लेकर की समीक्षा बैठक

 

 

लखनऊ खबर दृष्टिकोण। लखनऊ जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में राजस्व प्राप्ति को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक का आयोजित किया गया । आयोजित इस समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने वाणिज्य कर विभाग बैठक की शुरुआत की। समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि विभाग द्वारा माह के लक्ष्य के सापेक्ष केवल 62.25% ही राजस्व की वसूली की गई है। ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वाणिज्य कर विभाग की राजस्व वसूली अत्यंत ही निराशाजनक है और इसमें कंपोनेंटवार अलग से समीक्षा करने की आवश्यकता है। जिसके लिए निर्देश दिया गया की अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अपने स्तर से अलग से समीक्षा करके एनफोर्समेंट और असेसमेंट के अधिकारियों से ब्यौरा लेकर सघन समीक्षा करना सुनिश्चित करे। साथ ही असेसमेंट और एनफोर्समेंट विंग को पूर्ण रूप से सक्रिय करते हुए नोटिस जारी करते हुए मार्च तक वसूली करना सुनिश्चित किया जाए। आबकारी विभाग की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि विभाग द्वारा माह के लक्ष्य के सापेक्ष केवल 78.05% ही राजस्व की वसूली की गई है। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि आबकारी विभाग द्वारा भी राजस्व वसूली अपेक्षा अनुरूप नहीं की गई है। जिसके लिए अपर ज़िलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश दिए गए कि सभी इंस्पेक्टर्स के कार्यो की एक बार विस्तार से गहन समीक्षा करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही संज्ञान में आया कि सिंगल डे लाइसेंस धारक रेस्टोरें-प्रतिष्ठानों द्वारा प्रतिदिन मदिरा का विक्रय किया जा रहा है। जिसके लिए निर्देश दिया गया कि ऐसे सिंगल डे लाइसेंस धारको को रेगुलर लाइसेंस में परिवर्तित कराया जाए और जो नही होते है उनके विरुद्ध प्रवर्तन की कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। नगर निगम व जल संस्थान की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि विभाग द्वारा माह के लक्ष्य के सापेक्ष नगर निगम द्वारा 66.27% और जल संस्थान द्वारा 76.74% ही राजस्व की वसूली की गई है। बैठक में नगर निगम द्वारा कम वसूली के सम्बंध में जो तर्क दिए गए वह सही नही पाए गए। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी प्रशासन को निर्देश दिए गए कि वह अपने स्तर से एक बार राजस्व वसूली की समीक्षा अपर नगर आयुक्त के साथ करना सुनिश्चित करे और जोनल अधिकारियों तथा फील्ड के अफसरों को आवश्यक निर्देश दें और कैम्प लगाकर अधिक से अधिक राजस्व करना सुनिश्चित कराए। जल संस्थान की वसूली के सम्बंध में पूर्व में भी निर्देश दिए गए थे कि विधुत विभाग से डाटा ले कर उसका इस्तेमाल किया जाए। जहां पर बिजली का कनेक्शन है वहां पर जल संस्थान का पानी का भी कनेक्शन होगा। विधुत विभाग से लिये हुए डेटा को अपने डेटाबेस से मैच करे जो डिफरेंस आता उनको नोटिस जारी किया जाए। विधुत विभाग की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि विभाग द्वारा माह के लक्ष्य के सापेक्ष 95.43% ही राजस्व की वसूली की गई है। जिसके सम्बन्ध में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्व में विधुत विभाग के बड़े बकाएदारों के संबंध में समस्त एसडीओ के साथ वी0सी0 के माध्यम से बैठक की थी जिसमे निर्देश दिए गए थे कि वह उप ज़िलाधिकारियों के साथ बात करेंगे और वसूली में सहयोग प्रदान करेंगे। उपखंड अधिकारियों के स्तर से किसी प्रकार की कार्यवाही न किए जाने तथा VC मैं निर्देश दिए जाने के बावजूद भी तहसील के उप जिलाधिकारी से समन्वय स्थापित न किए जाने पर जिलाधिकारी द्वारा खेद प्रकट किया गया तथा नोडल अधिकारी विद्युत को निर्देशों का कढ़ाई से अनुपालन कराए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जहां पर बड़े बकायेदारों से वसूली होनी है वह चाहे विधुत विभाग के रेगुलर कंजूमर हो और चाहे वह जिनकी आरसी जारी हो चुकी हैं। जिनकी आरसी जारी हो चुकी है उनसे वसूली के लिए आवश्यक कार्यवाही करना है और जो लाइव कंजूमर है और बड़े बकाएदार हैं उनके घरों पर भी जाना है अगर आवश्यकता पड़े तो ज़िला प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त कर सकते है। वसूली बढाने के लिए ज़िलाधिकारी द्वारा विधुत विभाग को युद्धस्तर की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि विभाग द्वारा माह के लक्ष्य के सापेक्ष 127.59% राजस्व की वसूली की गई है। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि हमे और अधिक कार्य करते हुए वार्षिक लक्ष्य 2800 करोड़ से दो गुना वसूली करना है। ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि रजिस्ट्री के समय चौहद्दी के सत्यापन के लिए नजरी नक्शा व गुगल मैप का कलर प्रिंट भी लिया जाए। जिसके द्वारा विक्रय विलेख तैयार किया जाता है आरजी नक्शे (ड्राफ्ट मैन) की जवाबदेही तय की जाए कि उसके द्वारा विक्रय मूल्य सरकारी अंकित किया गया है। मूल्य से भिन्नता पाये जाने पर ड्राफ्ट मैन को नोटिस जारी किया जाए तथा भविष्य में ऐसे ड्राफ्ट मैन का लाईसेन्स निरस्त किया जाय। आयोजित इस समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गुप्ता, वाणिज्य कर, परिवहन, विधुत विभाग, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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