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सरकारी अस्पताल में कोरोना के टीकाकरण के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा

 

 

बिना वैक्सीन लगे ही आ रहे मैसेज, सर्टिफिकेट भी जारी

 

कर्नलगंज/कटराबाजार गोण्डा। तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटराबाजार एवं कर्नलगंज में कोरोना के वैक्सीनेशन के तहत स्वास्थ्य कर्मियों के आये दिन कारनामे सामने आ रहे हैं। यहां कोरोना के वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज अभियान में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। लोगों को बिना वैक्सीन की डोज लिए ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं, वहीं

कोरोना से निबटने के लिए महाभियान बूस्टर डोज के नाम पर भी फर्जीवाड़ा हो रहा है और बिना टीका लगे ही सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है।

 

मालूम हो शासन के निर्देश पर जिले में 15 जुलाई से 18 से 59 वर्ष तक के लोगों को नि:शुल्क बूस्टर डोज लग रही है। 75 दिनों में सभी को डोज लगाना है। शिकायतें आ रही हैं कि टीकाकरण केन्द्रों से लोगों को लौटा दिया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य पूरा करने के लिए बिना डोज लगाए ही सर्टिफिकेट भेज रहा है। इसी क्रम में कटरा बाजार क्षेत्र के निवासी पत्रकार अनुज कुमार द्विवेदी को सिर्फ दो डोज लगी है। उनके पास बीते दिनों बूस्टर डोज लगने का मैसेज आया। उन्होंने लिंक खोला तो उसमें बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी डाउनलोड हो गया। 10 सितम्बर 2022 को कोविशील्ड सर्टिफिकेट आईडी 80117937180 जारी कर दिया गया है। सर्टिफिकेट के अनुसार सीएचसी कटरा बाजार जनपद गोंडा में आरती नामक स्वास्थ्य कर्मी ने टीका लगाया है। जबकि अनुज कुमार का कहना है कि वह सीएचसी गये ही नहीं है और ना ही उन्हें यह टीका ही लगाया गया है। इसी तरह अन्य कई लोगों के फर्जी वैक्सीनेशन के मामले सामने आ चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन में तेजी लाने के बजाय फर्जी एसएमएस करके वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने में लगा है। इसे लेकर आम लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। बताते चलें कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की मनमानी की कहानी समय-समय पर सामने आती रहती है, लेकिन जब मसला कोरोना जैसे वैक्सीनेशन का हो तब जिम्मेदारों की लापरवाही आम लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है। दरअसल आजकल आम लोगों को बूस्टर डोज लग रहा है। इसका लोग लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक तरफ जहां जिले के विभिन्न स्थानों में कैंप लगाकर बूस्टर डोज के लिए वैक्सीनेशन के दावे कर रहे हैं तो वहीं बड़े अधिकारियों के इशारे पर स्वास्थ्य विभाग के ही जिम्मेदार लोग आम लोगों के मोबाइल पर एसएमएस भेजकर यह जानकारी दे रहे हैं कि उनको फलाना केंद्र मे इस समय में बूस्टर डोज लग गया है। इसके साथ ही लोगों को तीनों डोज का सर्टिफिकेट भी मिल जा रहा है,जबकि उन लोगों को बूस्टर डोज लगा ही नहीं है। दरअसल शासन और प्रशासन के सामने टार्गेट पूरा कर अपना नंबर बढ़ाने की होड़ में ये बेईमानी की जा रही है जो आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। सीएमओ कार्यालय के निगरानी में हो रहे वैक्सिनेशन प्रोग्राम के तहत ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ऐसे कई मामले अब तक कर्नलगंज सीएचसी में भी सामने आ चुके हैं जहाँ एक जज को भी बिना वैक्सीन लगे फर्जी ओटीपी भेजे जाने वहीं सम्मैदीन नाम के एक व्यक्ति को महिला दर्शाकर बिना दूसरी डोज लगे फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने का भी मामला काफी चर्चा में रह चुका है। दरअसल कोरोना के पहले और दूसरे डोज में भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन करने की होड़ में ऐसा हुआ है। यही नहीं जिन लोगों ने डर कर या किसी दूसरे वजह से वैक्सीन नहीं लगवाया था या किसी तरह पहला डोज लगवा लिया था, उनको भी एसएमएस के जरिए ये जानकारी दे दी गयी कि आपको कोरोना का टीका लग गया है। इतना ही नहीं ऐसे लोग जिनके बिना टीका लगाए मैसेज भेज दिया गया था, वो जब टीकाकरण केंद्र में पहुंचते थे तो पहले उन्हें ये कह दिया जाता था कि आपको टीका लग गया है। जब विवाद की स्थिति उत्पन्न होती थी तो फिर वहां के लोग ऑनलाइन इंट्री में गड़बड़ी की बात कहकर अपना पलड़ा झाड़ लेते थे। इस बार बूस्टर डोज के दौरान भी कमोबेश ऐसा ही हो रहा है। जबकि इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को होने के बाद भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में अहम सवाल है कि इतनी अधिक संख्या में गलत मैसेज जाना कहीं कुछ और इशारा तो नहीं कर रहा।

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