बलरामपुर, । देहात कोतवाली के रघवापुर गोसाईंपुरवा में तीन अगस्त को हुई प्रेमा देवी की हत्या का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। प्रेमा देवी को उसके अपने बेटे नंदलाल ने बांस के डंडे से सिर पर वार कर मौत के घाट उतारा था। मृतका के पति प्रेम नारायण ने पुरानी रंजिश में हत्या का आरोप लगाते हुए अपने पटीदारों बैजनाथ गिरि, भगवती गिरि, लवकुश व संजय को नामजद किया था। घटना के राजफाश के लिए गठित टीम ने गहनता से छानबीन की तो मृतका के बेटे ने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया है।अपर पुलिस अधीक्षक नम्रिता श्रीवास्तव ने बताया कि चार अगस्त को प्रेमा देवी क शव रघवापुर गांव केे पास गन्ने के खेत में पड़ा मिला था। मृतका के पति प्रेम नारायण ने दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि गांव के ही बैजनाथ आदि से जमीनी विवाद को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है। इसी रंजिश में बैजनाथ, भगवती, लवकुश व संजय ने प्रेमा की हत्या की है। तहरीर के आधार पर चारों आरोपितों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि प्रेमा देवी तीन अगस्त को दोपहर दो बजे से लापता थी। घर वालों ने पुलिस को अगले दिन सूचना दी थी। वादी ने जिन लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था, उनके कार्यस्थल व काल डिटेल से मिले लोकेशन की पड़ताल की गई।उनके लोकेशन घटनास्थल के आसपास भी नहीं पाए गए। कड़ाई से पूछताछ में पता चला कि प्रेमा देवी के बेटे नंदलाल के कोई संतान नहीं थी। इस पर आए दिन नंदलाल को उलाहना देती थी। तीन अगस्त को दूध खराब होने को लेकर मां-बेटे में कहासुनी हो गई। दोपहर में खेत पर भी कहासुनी हुई, तो नंदलाल ने क्रोध में आकर बांस के डंडे से मां पर हमला बोल दिया। गन्ने के खेत की मेड़ पर ही प्रेमा की मृत्यु हो गई, लेकिन उसने परिवारजन से यह बात छुपाई। अगले शव मिलने पर उसके पिता ने विपक्षियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। नंदलाल की निशानदेही पर आलाकत्ल बांस का डंडा बरामद कर लिया गया है।