संवाददाता /खबर दृष्टिकोण/लखनऊ।
डीआईजी ने जिला जेल कैंटीन में औचक छापेमारी कर खंगाले दस्तावेज, बक्शे में मिले रुपये व बंदी कूपन
-कैंटीन से उत्पाद खरीदने वाले बंदियों के लिए बयान
-जेल से छूटने के बाद आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बंदी कैंटीन में बढ़े दामों पर उत्पाद बेंचने का आरोप लगाया
लखनऊ। संवाददाता
डीआईजी जेल ने मंगलवार को जिला जेल में संचालित बंदी कैंटीन का औचक निरीक्षण कर छापेमारी की। कैंटीन में उपलब्ध कूपन, खरीद फरोख्त से जुड़े दस्तावेज खंगाले। उत्पाद खरीदने वाले बंदियों के बयान भी लिये। एक जेलकर्मी ने बताया कि कैंटीन में उपलब्ध उत्पाद और रजिस्टर के मिलान में खामियां मिली हैं। वहां रखे एक बक्शे में कुछ रुपये और बंदी कूपन बरामद हुए। डीआईजी खुद इस बक्शे को लेकर अधिकारियों के कमरे में लेकर गए और मिलान भी कराया। उधर, डीआईजी के निरीक्षण के बाद जेल प्रशासन ने कैंटीन में सख्ती कर दी है। प्रतिबंधित चीजों की बिक्री पर रोक लगा दी है। डीआईजी ने जेल कैंटीन में बढ़े हुए दामों पर उत्पाद बेंचने के आरोप लगाने वाले आईपीएस अमिताभ ठाकुर को बयान के लिए शनिवार को बुलाया है।
सात माह से जेल में बंद आईपीएस अमिताभ ठाकुर बीते माह जेल से रिहा होने पर उन्होंने कैंटीन में भ्रष्टाचार की लोकायुक्त को शिकायत की थी। जिसमें आरोप लगाया है कि लखनऊ की जिला जेल में दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुएं, सब्जियां, दुग्ध, बिस्किट, साबुन, बीड़ी आदि रोजमर्रा के उपयोग से जुड़े उत्पाद बढ़े हुए दामों पर बेंचे जा रहे हैं। अफसर कैंटीन में कई प्रतिबंधित चीजें भी बेंच रहे हैं। अमिताभ ठाकुर द्वारा लोकायुक्त से की गई शिकायत के बाद ही डीजी आनंद कुमार ने डीआईजी जेल शैलेन्द्र मैत्रेय को जांच सौंपी थी।
वर्जन
शिकायत पर जिला जेल की कैंटीन में औचक छापेमारी की गई। बंदियों के बयान लिये गए। दस्तावेज खंगाले गए। उन्होंने कहा बक्शे में कूपन थे लेकिन रुपये मिलने की बात से इनकार किया है। शिकायतकर्ता अमिताभ ठाकुर को शनिवार के दिन बयान के लिए बुलाया है।
शैलेन्द्र मैत्रेय, डीआईजी, जेल मुख्यालय