– यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11 वें स्थान पर
– विश्व की 40 विदेशी कंपनियां कर रही 20, 559 करोड़ रुपए का निवेश
– सरकार की सहूलियतें देने वाली नीतियों के दम पर बढ़ रहा विदेशी निवेश
लखनऊ : उद्यमियों को सहूलियतें देने वाली नीतियों के दम पर उत्तर प्रदेश सरकार अब देश के ही नहीं विदेशों के भी बड़े निवेशकों के उद्यम राज्य में स्थापित कराने में सफल रही है। कोरोना संकट के दौरान जब देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार सुस्त थी, उस दौरान भी उत्तर प्रदेश में कई निवेशकों ने प्रदेश में अपना उद्यम स्थापित करने में रूचि दिखाई है। जिसके चलते ही उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश 712.35 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 785.55 यूएस मिलियन यूएस डॉलर हो गया है। यह बढ़ोतरी बीते साल जून से दिसंबर के बीच की है। अभी यूपी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में 11वें स्थान पर है। आने वाले वक्त में इस मामले में यूपी के शीर्ष पांच राज्यों में आने की उम्मीद है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक राज्य में विदेशी कंपनियों ने पिछले साल की दूसरी छमाही में 5211. 98 करोड़ रुपये (712.35 मिलियन यूएस डालर) से बढ़ कर दिसंबर 21 में 5758.17 (785.55 मिलियन यूएस डॉलर) करोड़ रुपये का हो गया। इसके अलावा राज्य में विदेशी कंपनियों की 40 परियोजनाओं पर वर्तमान में काम चल रहा है। इन विदेशी कंपनियों को उद्यम स्थापित करने के लिए जमीन मिल चुकी है। इसमें 20,559 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश होना है। प्रदेश सरकार द्वारा कराए जाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते विदेशी निवेश में इजाफा होने की उम्मीद है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के चलते ही यूपी देश तथा विदेश के निवेशकों के लिए चहेता राज्य बन गया है। इसकी मुख्य वजह सरकार द्वारा राज्य को प्राप्त हुए निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए हर स्तर पर तेजी दिखा रही तेजी है।
यह सरकार ही सक्रियता का ही नतीजा था जो कोरोना संकट के दौरान उत्तर प्रदेश में मार्च 2020 से मई 2021 तक देशी तथा विदेशी निवेशकों के 66 हजार करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन 96 निवेश प्रस्तावों में 40 प्रस्ताव विदेशी निवेशकों के थे। इन 40 प्रस्तावों में 22 निवेश प्रस्ताव 100 करोड़ रुपए से अधिक के थे और इन निवेश प्रस्तावों के जरिए राज्य में 20,559 करोड़ रुपए का निवेश होना है। सरकार के स्तर से इन निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें भूमि उपलब्ध कराने पूरी कराई और विदेशी निवेशकों के उद्यमों का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। चीन से आयी एक जूता बनाने वाली कंपनी ने तो आगरा में उत्पादन भी शुरू कर दिया है। यह कंपनी आगरा में तीन सौ करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इसी तरह राज्य में जापान की सात, कनाडा की दो, जर्मनी की चार, हांगकांग की एक, सिंगापुर की दो, यूके की तीन, यूएस की पांच तथा कोरिया की चार कंपनियां निवेश कर रही हैं।
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मंडियों में प्राकृतिक खेती के अनाज की होगी ब्रांडिंग: मुख्यमंत्री योगी
-बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर से कर रही प्रयास: मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जो खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है, उसके लिए सभी 18 मंडलों में पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, प्राकृतिक खेती के किसानों को उचित दाम मिल सके, इसलिए हर मंडी में अलग से व्यवस्था बनाकर व्यवस्थित मार्केटिंग के कार्य को हमने आगे बढ़ाना शुरू किया है। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर विशेष प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने यह बातें सोमवार को नीति आयोग के नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली सहभागिता करते हुए कही। नीति आयोग ने गो आधारित प्राकृतिक खेती और इनोवेटिव एग्रीकल्चर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन के अंत में कुछ सुझाव भी दिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने प्राकृतिक खेती को लेकर किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हम आभारी हैं कि केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती को स्थान दिया गया है। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से 2020 में हमने प्रदेश में नमामि गंगे यात्रा निकाली थी। इसके बाद हमने प्रदेश में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया था, जिसमें सात सौ से अधिक प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया था। उप्र में एक बड़े भू-भाग में हम लोग प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ा रहे हैं। उसके बड़े अच्छे और चमत्कारिक परिणाम हमें देखने को मिले हैं।
योगी ने कहा कि खासतौर पर नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पिछले तीन साल में प्रदेश में पहले चरण में जैविक खेती को आगे बढ़ावा दिया और 2020 के बाद से प्राकृतिक खेती को अपनाकर इस क्षेत्र में अनेक नवाचार भी किए हैं। नमामि गंगे योजना में भी प्रदेश के 27 जिलों में गंगा के तटवर्ती 10 किमी के अंदर प्राकृतिक खेती में ही औद्यानिकीकरण और कृषि वानिकी को शामिल करते हुए दो लाख से अधिक किसानों को जोड़ने के एक बड़े अभियान को हम आगे बढ़ा रहे हैं।
कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आदि मौजूद थे।
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हुनर से भरा यूपी, दुनिया को दिखायेगा ओडीओपी
लखनऊ,। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पहली पसंदीदा योजना रही वन डिस्टीक वन प्रोडेक्ट (ओडीओपी) को अब एमेजान, फ्लिपकॉर्ट और ओडीओपीमार्ट डॉट काम से जोड़ दिया गया है। जिससे अपनी पसंद की वस्तुओं की ऑनलाइन खरीदारी कोई भी कहीं से भी कर सके। इसे हुनर से भरा यूपी, दुनिया को दिखायेगा ओडीओपी नाम दिया गया है।
ओडीओपीमार्ट डॉट काम पर लोगों को वैसे तो हर वस्तु ही खरीदने का मौका हैं लेकिन कुछ खास वस्तुओं को जो घरों की सजावट में या रोजमर्रा की जरुरतों में उपयोग की जाती है, उनको खासा पसंद किया जा रहा है। ताजमहल वाले शहर आगरा में संगमरमर के पत्थर पर हाथों से बनायी जाने वाले डिजाइन के बाद तैयार उत्पाद उसी का एक उदाहरण है।
आनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों की मानें तो अम्बेडकरनगर के वस्त्र उत्पाद को ऑनलाइन मंगाने का प्रयास किया और कुछ मिनटों में ही अपनी पसंद के वस्त्र का चुनकर आर्डर भेज दिया। अम्बेडकरनगर में बनने वाली पावरलूम में साड़ी, गमछा, तकिया कवर अपने टिकाऊपन के कारण ज्यादा लोकप्रिय है।
इसी तरह से सम्भल जिले को मृत पशुओं की हड्डियों व सींग से बनने वाले उत्पादों के लिए जाना जा रहा है। हॉर्न बोन से कारीगर ऐसे उत्पाद बना रहे है, जो लोगों को पसंद आ रहे है और उनके बजट में मिल जा रहे हैं। ये उत्पाद लोगों के घरों की खूबसूरती को बढ़ाते हैं।
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कोरोना से डरें नहीं, सतर्कता बरतें: योगी
-उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए निर्देश
-कोविड टीका लगाने और बूस्टर डोज के लिए लोगों को जागरूक करने पर जोर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञ जिस कोविड लहर के आने की आशंका जता रहे हैं, उससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। वायरस का यह वैरिएंट सामान्य वायरल की तरह ही है। मुख्यमंत्री ने कोविड का टीका लगाने और बूस्टर डोज के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-09 की बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के कुल एक्टिव केस की संख्या 1277 है। पिछले 24 घंटों में 94 हजार 324 कोरोना टेस्ट किए गए। इसमें 210 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी दौरान132 लोग उपचार के बाद कोरोना मुक्त हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर में 120, गाजियाबाद में 49 और लखनऊ में 12 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। इन जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस बार वायरस कमजोर है। संक्रमण तीव्र नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार संभव है कि आने वाले दिनों में नए पॉजिटिव केस में इजाफा देखने को मिले लेकिन वायरस का यह वैरिएंट सामान्य वायरल की तरह ही है। कोविड टीका लगवा चुके लोगों के लिए खतरे की संभावना न्यून है। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि एनसीआर व लखनऊ जैसे जिलों में जहां केस अधिक मिल रहे हैं, वहां फेस मास्क की अनिवार्यता को प्रभावी बनाया जाए। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन के लिए जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए। योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में कार्य करने वाले कार्मिकों की सेवाभावना प्रेरणास्पद है। ऐसे कार्मिकों के भविष्य की सुरक्षा के विभिन्न सेवाओं में वेटेज दिया जाना चाहिए। इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार करें।
प्रदेश में अब तक 31 करोड़ 10 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 87.47 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 94.62 फीसदी किशोरों को पहली खुराक मिल गयी है। 63.77 फीसदी से अधिक किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण को और तेज करने की आवश्यकता है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को पहली डोज के बाद अब पात्रता के अनुसार दूसरी डोज भी दी जाए।
उन्होंने कहा कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज लगाए जाने में तेजी की अपेक्षा है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी नागरिक टीका कवर से वंचित न रहे। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए।
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जनप्रतिनिधियों की समस्या का समाधान करे सीएम आफिस : योगी आदित्यनाथ
-टीम-09 की बैठक में शासन के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब विधायकों और सांसदों को राज्य सरकार से कोई शिकायत नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने सोमवार को एक बैठक के दौरान अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा है कि जनप्रतिनिधियों की शिकायत, समस्याओं और सुझावों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय सदैव तत्पर रहे। इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था भी बनाई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंत्रिपरिषद के समक्ष सभी विभागों की आगामी 100 दिन, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण संपन्न हो चुका है। टीम-09 के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मंत्रिपरिषद के सदस्यों के सुझावों को शामिल करते हुए अब कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर जोर होना चाहिए।
निर्धारित लक्ष्य की समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। प्रगति रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय से अवगत कराया जाए। जनप्रतिनिधियों की शिकायत, समस्याओं और सुझावों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय सदैव तत्पर रहे। इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत पांच वर्ष के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं। प्रदेश में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, महाविद्यालय, कौशल विकास केंद्र व विश्वविद्यालयों की स्थापना कराई है। जो संस्थान अभी संचालित नहीं हो सके हैं उनके शीघ्र क्रियान्वयन की व्यवस्था की जाए।
एंटी करप्शन पोर्टल को एक्टिव रखें, हर शिकायत का गम्भीरता से संज्ञान लें। हर विभाग में मानव संसाधन की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए अनावश्यक तैनात, अतिरिक्त मानव संसाधन का उचित समायोजन किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में संचारी रोग की स्थिति को देखते हुए चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इस संबंध में स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक प्रबंध किया जाए।
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पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलेगी प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग
लखनऊ उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अन्य पिछड़े वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिये निशुल्क कोचिंग की सुविधा मुहैया कराने हेतु प्रशिक्षण अकादमी खोलेगी। इसके तहत सरकार अगले दो साल में डिजिटल प्रशिक्षण अकादमी भी शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार को एक बयान में बताया गया कि प्रदेश सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक और समाजिक रूप से निर्बल वर्ग के युवाआें को शैक्षिक और आर्थिक स्तर आगे बढ़ाने की कोशिशों के तहत यह पहल की है। इसके लिये सरकार ओबीसी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग के लिए प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना करेगी। साथ ही प्रदेश सरकार ओबीसी युवाओं के लिए डिजिटल प्रशिक्षण अकादमी भी खोलने की तैयारी में है। सरकार ने इसे दो वर्ष की कार्ययोजना में शामिल किया है।
सरकार की ओर से बताया गया कि प्रशिक्षण अकादमी में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ युवाओं को प्रशिक्षण देंगे, साथ ही परीक्षा के पैटर्न और पाठ्यक्रम आदि की भी जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार अगले छह महीने में निजी कोचिंग संस्थानों के माध्यम से ओबीसी युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग संचालित कराने की योजना तैयार करेगी।
गौरतलब है कि पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जाता है। इंटरमीडिएट पास बेरोजगार ओबीसी युवा ‘ओ लेवल’ और ‘सीसीसी प्रशिक्षण’ ले सकते हैं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित एक समिति, प्रशिक्षण पाने वाले पात्र अभ्यर्थियों का चयन करती है। इसका आनलाइन आवेदन किया जा सकता है।