तहसील कलेक्टर मौन धारण,बड़े भ्रष्टाचार की ओर संकेत!
अजय सिंह
सीतापुर। बताते चलें की लहरपुर तहसील की बुलडोजर तो अवैध बिना एनओसी ईंट भट्ठो पर चलाया गया। जिस तरह से मुख्यमंत्री के बुलडोजर की छवि जनमानस में बनी है,वह दिखाई नही पड़ी।बातें यह होने लगी हैं की तहसील प्रशासन और अवैध ईंट भट्ठा संचालकों में कार्यवाही के नाम पर छिपने-छिपाने का खेल हो रहा है। जनता ईंट उद्योग व अन्य पर कुछ सप्ताह पहले जो बुलडोजर चलाया गया,जिसमें कच्ची ईंटों को तोड़ा गया,जिसे एसडीएम लहरपुर पीएल मौर्या द्वारा ऐसे दिखाने की कोशिश की गयी की मानों अवैध ईंट भट्ठों पर कार्यवाही का अल्टीमेटम दे दिया गया हो,बल्कि जैसे दिखना चाहिए था वह नजर नहीं आया और जिनपर कार्यवाही की गयी वह फिर नियमों को तोड़ते हुए आज भी संचालित हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भी अब तक कुछ खास कार्यवाही नहीं दिखी,हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसपर संज्ञान लिया है,कार्यवाही के लिए 18अप्रैल2022को इस संबंध में कार्यवाही के लिए पत्र जारी किया है। जानकारी हो की बंदी का आदेश पहले भी दिया गया है पर अफसोस बंदी एक भी अवैध ईंट भट्ठे पर नजर नहीं आ रही।अब इस तरह से कार्यवाही पर क्या समझा जाए क्या अवैध ईंट भट्ठों के गांधी छाप असर है जिससे कार्यवाही का ड्रामा किया जा है जबकी हकीकत में होता कुछ नहीं।जिससे जनता ईंट उद्योग अन्य जो भी कार्यवाही की गयी वह जनमानस व शासन-प्रशासन को दिखाने के लिए महज उपजिलाधिकारी पीएल मौर्या का कपटी खेल है?अगर ऐसा नहीं है तो तहसील प्रशासन के द्वारा इसपर जिस तरह ईंट भट्ठा संचालित हैं पुनः कार्यवाही क्यों नहीं की गयी।प्रदूषण सेंस ईंट भट्ठों पर क्यों नहीं लगाया गया, अगर लगाया गया होता तो शायद अवैध ईंट भट्ठे धडल्ले से संचालित नहीं होते यह भी एक सवाल है।अब सटीक कार्यवाही कब होगी और ईमानदारी से कार्यवाही कब होगी इसका इंतजार है।फिलहाल तहसील के आलाअधिकारी जिस तरह से कार्यवाही हुई उसके बाद लगभग 15-20 में कोई प्रशासनिक हलचल नहीं नजर दिखी,कहने का मतलब तहसील प्रशासन में बैठे छोटे कलेक्टर ने क्या मौन धारण कर रखा है?क्या यह बड़े भ्रष्टाचार की ओर संकेत है।
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समाचार का हुआ असर
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिया है संज्ञान
सीतापुर।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पत्रांक-74379/सी-6/सा-207/ईंट भट्ठा नोडल/2022जोकि दिनांक 18अप्रैल 2022 को एक पत्र अवैध ईंट भट्ठो पर कार्यवाही हेतु जारी किया गया है।बताते समय यह पत्र काफी वायरल हो रहा है जिसे यह माना जा सकता है की कहीं न कहीं समाचारों के प्रकाशन होने का असर है, जिससे प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड ने इस पर कार्यवाही के निर्देश जारी किया है, हालांकि अभी भी ईंट भट्ठा संचालित है धरातल पर इसका असर तब माना जाएगा,जब अवैध ईंट भट्ठो पर प्रदूषण बोर्ड की तरफ से कार्यवाही होगी।
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पत्रकार को धमकाना तहसील के कलेक्टर लहरपुर की बढा सकता है मुश्किलें
सीतापुर।पत्रकार को सच लिखने के लिए धमकाना यह कोई नई बात नहीं है,यह तो कलम के सिपाही के साथ जो होता है,आए दिन समाचार पत्रों में छपता रहता है।सवाल खड़ा होता है यह बंद कब होगा?जिसका सीधा और आसान जबाब है शायद कभी नहीं।अभी हाल में वायरल ऑडियो ने तब सनसनी मचा दी जब तहसील लहरपुर के कलेक्टर पीएल मौर्या के द्वारा पत्रकार को माफियाओं की तरह धमकाने का प्रयास किया गया,जो निन्दनीय है।सवाल उठता है एक वरिष्ठ अधिकारी माफियाओं की तरह कैसे धमका सकता है जब की पत्रकार जो समाचार प्रकाशित कर रहा है,वह तत्यात्मक है जिससे साफ है ईंट भट्ठो पर प्रकाशित समाचार पर साहब इतना क्यों बौखला गये,जिसमे तहसील कलेक्टर साहेब द्वारा यह माना भी जा रहा है की अवैध ईंट भट्ठे चल रहे हैं,पर यही काम है अर्थात समय का हवाला देते हुए पत्रकार को धमका रहे हैं।तो साहब अगर अवैध ईंट भट्ठों पर प्रकाशित समाचार से इतना प्रभावित हुए तो कार्यवाही करनी थी न की पत्रकार को धमकाना था,सवाल घूमफेर कर वही पत्रकार को धमकाने की जगह साहब को कार्यवाही करनी थी,क्या कारण है ईंट भट्ठे पर प्रकाशित समाचार का जो इस हद तक उतर आए पत्रकार को धमकी दे डाली…साहेब?फिलहाल तहसील कलेक्टर लहरपुर के चर्चे बहुत ऊपर तक जा रहें,जल्द ही शासन इस हरफन मौला माफिया मिजाज तहसील कलेक्टर लहरपुर पीएल मौर्या पर संज्ञान ले सकता है।