*भारी बारिश में भी धरने के तीसरे दिन किसानों का जनसैलाब मांगो को लेकरअड़ा रहा*
*खबर दृष्टिकोण लखनऊ*
*आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता*
*लखनऊ* उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के माल ब्लाक पर लगातार दो दिनों से भारी बारिश में किसानों के धरना प्रदर्शन पर लखनऊ जनपद भर से आए हुए किसानों का जनसैलाब बढ़ता ही जा रहा है।
आपको बता दें भारतीय किसान यूनियन (अरा) लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान पिछले तीन दिनों से अनिश्चित कालीन किसानों की मांगो को लेकर लखनऊ जनपद से आए हुए हजारों किसानों बुजुर्गों और महिलाओं के साथ बरसात के मौसम में भी धरने पर बैठे हुए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा आज हमारे धरने को तीन दिन हो गया है लेकिन अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी समस्याओं को सुनने व समस्याओं का निराकरण करने के लिए धरने पर नहीं पहुंचा है उन्होंने कहा अगर इसी तरीके से किसानों की मांगों को लेकर जिम्मेदार अधिकारी जब तक संज्ञान नहीं लेंगे और हमारी मांगों का निराकरण नहीं करेंगे तब तक धरना जारी रहेगा और किसानों का जन सैलाब बढ़ता ही जाएगा जिसमें पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी अगर कोई भी किसान भाई इस भरी बरसात में बीमार होता है या उसको कोई भी समस्या उत्पन्न होती है जिससे धरने में बैठे बारिश के मौसम में कोई किसान व बुजुर्ग महिलाएं बीमार पड़ जाती हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रसाशन की होगी यह किसान हैं यह बरसात हो चाहे धूप हो या फिर बर्फ गिर रही हो यह पीछे हटने वाले में से नहीं हैं सरकार में बैठे लोग जब तक की इनकी मांगो को अनदेखी करते रहेगें तब तक इनकी संख्या बढ़ती ही जाएगी किसी भी शर्तों पर कम नहीं पड़ेगी क्योंकि यह किसान जब से समझदार हुए है तब से आज तक अपने हक की लड़ाई लड़ने में यह लोग पीछे हटने वालों में से नहीं हैं यह वह किसान हैं जो धूप बरसात सर्दी में खेतों में काम करने वाले किसान नहीं हैं।यह वह किसान नहीं हैं जो बड़ी बड़ी एयरकंडीशन गाड़ियों में बैठकर किसानों की लड़ाई बता कर उन गरीबों की लड़ाई लड़ने के नाम पर सरकार में बैठे अधिकारियों की चापलूसी व जी हुजूरी में लगे रहते हैं यह वह किसान नहीं हैं यह वह किसान हैं जो खेतो में काम करने वाले किसान हैं यह जब तक पीछे नहीं हटने वाले हैं जब तक इनकी एक एक मांगे पूरी नहीं हो जाती इसी के साथ जय जवान जय किसान का नारा लगाते हुए आगे की रणनीति तैयार करने में लग गये।