इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को तोशखाना विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये उनके उपहार हैं, इसलिए यह उनकी पसंद है कि उन्हें रखना है या नहीं। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा तोहफा, मेरी मर्जी’। वह अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ होने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने।
यह मामला पिछले हफ्ते तब सामने आया जब प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान दुबई में 14 करोड़ रुपये के तोशखाना उपहार बेचे। खबरों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 14 करोड़ रुपये से अधिक के 58 उपहार प्राप्त किए और उन सभी को या तो एक नगण्य राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के रखा। .
‘पैसा कमाना होता तो घर को कैंप ऑफिस बना लेता’
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान ने कहा, ‘मैंने अपने आवास पर एक राष्ट्रपति द्वारा भेजा गया उपहार सौंपा। मैंने तोशखाना से जो कुछ भी लिया वह रिकार्ड में है। मैंने लागत का 50 प्रतिशत भुगतान करने के बाद उपहार खरीदे। उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि सरकार ने उपहारों को रखने की नीति में बदलाव किया और लागत को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे पैसा कमाना होता तो मैं अपने घर को कैंप ऑफिस घोषित कर देता, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।’
इमरान का दावा सेना ने मुझे तीन विकल्प दिए
पूर्व प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रतिष्ठान ने उन्हें तीन विकल्प दिए, पाकिस्तानी सेना के इस बयान का खंडन किया कि विकल्प उनके द्वारा सामने नहीं रखे गए थे। खान की टिप्पणी पिछले सप्ताह अंतर-सेवा जनसंपर्क महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार द्वारा एक प्रेस वार्ता के बाद आई है। इफ्तिखार ने कहा था कि विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय ने राजनीतिक संकट के समाधान में मदद के लिए सैन्य नेतृत्व से संपर्क किया था.
Source-Agency News