पत्रकार की कलम को दबाने के लिए माल पुलिस द्वारा प्रधान से लिया गया रंगदारी मांगने का शिकायती पत्र
कुछ मीडियाकर्मी पहुचें थे पीड़िता के बयान लेने पीड़िता के घर
गैंगरेप की घटना में संलिप्त प्रधान व उसके साथी करीब 100 लोग पहुंच गए पीड़िता के घर, जान से मारने की दी धमकी
आखिर किस घटना क्रम का इंतजार है माल पुलिस को
खबर दृष्टिकोण लखनऊ
आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता
लखनऊ/माल- मंगलवार के शाम में कुछ मीडिया कर्मी दलित युवती के बयान लेने पीड़िता के घर गए हुए थे जिसे देखकर गुमसेना गांव के करीब 100 लोग लाठी डंडों के साथ प्रधान दलित युवती पीड़िता के घर जा पहुंचे। और पीड़िता से कहा अगर मामले को जरा सा भी तुम लोगों ने उछालने की कोशिश की तो तुम लोगों को जान से मार देंगे पीड़ित परिवार डरा और सहमा हुआ बैठा है।
सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि उसी समय किसी ने 112 नंबर डायल किया था जिससे मौके पर पुलिस भी आ पहुंची थी पुलिस ने भीड़ को खदेड़कर मीडिया कर्मियों को थाने लेकर चली आई जहां पर इंस्पेक्टर साहब ने मीडिया कर्मियों से बोले कि आप लोग कृपा करके खबर अभी ना चलाएं और अगर खबर चलाएं तो प्रधान का भी बयान लेकर ही चलाएं आखिर माल पुलिस पीड़िता को न्याय दिलाने में क्यों सहयोग नहीं कर रही है क्या किसी बड़े नेता का दबाव है माल पुलिस पर या फिर गैंगरेप के मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। माल पुलिस मीडिया को भी अपना काम करने से आखिर क्यों रोक रही है माल पुलिस दलित युवती के लगाए हुए आरोपों पर आखिर कब करेगी कार्यवाही वा जांच यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
क्या योगी सरकार में दलित पीड़िता को न्याय मिलेगा ?
इस घटना को पिछले 4 वर्ष बीत जाने के बाद जब गैंग रेप का मामला प्रकाश में आया है जिस घटना को माल पुलिस मर्जी से शादी होने की बात कह रही है और एक बच्चा भी पीड़िता ने जन्मा है और अब चार सालों के बाद युवती आरोप लगा रही है जिसका कोई साक्ष्य नहीं है। कहकर माल पुलिस अभी तक मामलें में जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने से पीछे हट रही है? तो क्यों?
बड़ा सवाल
युवती ने आरोप लगाये हैं,अपहरण, गैगंरेप का? तो क्या है सच्चाई
युवती का जब अपहरण व गैगंरेप हुआ था उस समय उसकी उम्र थी 13 साल और आज उसकी उम्र है 18 साल
जिन लोगों ने युवती की शादी कराई थी उस समय युवती नाबालिक थी तो क्या यह शादी कानूनन जुर्म नहीं है
उत्तर प्रदेश के डीजीपी साहब अगर एक्शन लेंगे तो मिल सकता है दलित युवती को न्याय