अन्ना गौवंशों की देखरेख के लिए ग्राम प्रधानों को नही मिल रही सरकारी धनराशि
रिपोर्ट-आकाश सोनी जिला संबाददाता हमीरपुर
हमीरपुर।अन्ना मवेशी यहां के किसानों के लिए एक बडी मुसीबत बन चुका है।रात दिन एक करके किसान अपनी फसलों की रखवाली करता है और यह अन्ना मवेशी किसानों की लहलहाती फसलों को मौका पाते ही चट कर जाते हैं तो वहीं सडकों पर घूम रहे अन्ना मवेशियों की चपेट में आकर न जाने कितने लोग भी मौत के मुंह में समा जाते हैं।प्रदेश सरकार के आदेश पर इन अन्ना मवेशियों को सरंक्षण देने के लिए गांव गांव में गौशालाएं बनवाई गई और इनके खाने पीने रहने आदि की व्यवस्था के इंतजाम किए गए पर अफसोस की जिम्मेदार अधिकारियों के चलते यह गौशालाएं कैद खाना बन गई।जिम्मेदारों ने इन अन्ना मवेशियों को गौशालाओं में कैद करके मरने जीने की कगार पर लाकर छोड दिया।गौशालाओं में कैद अन्ना मवेशी न तो शकून से जी पा रहा है और न मर पा रहा है।यहां कैद बेजुबान अपनी बद से बदतर जिंदगी को कोस रहा है।कभी भूख तो कभी प्यास तो कभी बीमारी और ठंड की चपेट में आकर यह बेजुबान तडप तडप कर बुरी मौत मर रहा है।इन बेजुबानों को मरने के बाद कब्र भी नसीब नही होती है इन्हें कौआ और कुत्ते अपना निवाला बनाते हैं।बस बचता है तो इन बेजुबानों का कंकाल जो गौशालाओं के ईर्दगिर्द देखने को मिलता है।प्रदेश सरकार के निर्देश पर गांव गांव में गौशालाएं तो बनवाई गई पर जिला प्रशासन के लचर रवैये के चलते यह गौशालाएं कारगर साबित नही हो रही है।किसान तो परेशान है ही पर अब यह अन्ना मवेशी ग्राम प्रधानों के लिए भी आफत बन चुका है।
मौदहा विकासखंड क्षेत्र के सायर ग्राम प्रधान प्रदीप विश्वकर्मा ने उपजिलाधिकारी,खंड विकास अधिकारी सहित ग्राम पंचायत अधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया है कि गांव की गौशाला में बंद अन्ना मवेशियों के लिए वह स्वंय चारा भूसा आदि का इंतजाम कर रहे थे सरकार की तरफ से उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी धनराशि नही मिली है जिससे वह भूसा चारा आदि का इंतजाम कर सके ऐसी स्थिति में अब वह भूसा चारा आदि की व्यवस्था करने में असमर्थ है।ग्राम प्रधान ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर दो दिवस के अंदर भूसा चारा के लिए सरकारी धनराशि नही मिलती तो वह गौशाला में बंद अन्ना मवेशियों को छोड देगा फिर चाहे अन्ना मवेशी किसानों की फसलें बर्बाद करे या फिर भूखा मरे उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा।