लखनऊ । नई पारी के नामांकन से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार का बीते पांच वर्ष का लेखाजोखा प्रस्तुत किया। इसे जनता की अदालत में ‘रिपोर्ट कार्ड’ बताते हुए उन्होंने औद्योगिक से सांस्कृतिक विकास और सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में हुए काम का ब्योरा रखा। पिछली सरकारों के कार्यकाल के भी आंकड़े साथ रखते चल रहे योगी खास तौर पर सपा और भाजपा सरकार के बीच का फर्क दिखाने का प्रयास करते दिखे। अपने चिर-परिचित अंदाज में बोले भी कि सपा का विकास कार्य कब्रिस्तान की बाउंड्री में दिखता है, जबकि हमने श्री काशी विश्वनाथ धाम बनवाया, अयोध्या का विकास कराया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन पांच वर्षों में तीन वर्ष की वह यात्रा है, जिसमें हमने निर्विघ्न काम किया। उसके बाद से दो वर्ष दुनिया के साथ उत्तर प्रदेश भी कोरोना की वैश्विक महामारी से जूझता रहा। फिर भी डबल इंजन की सरकार ने हर क्षेत्र में सुधारात्मक कदम उठाए। प्रदेश की छवि बदली। इस सफलता पर संतुष्ट नहीं होना है। जो यूपी आबादी के मामले में नंबर एक पर है, उसे हर क्षेत्र में नंबर एक पर पहुंचाना है।सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से नामांकन कराएंगे। इससे पहले गुरुवार को वह भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में याद दिलाया कि वह सरकार के छह माह के रिपोर्ट कार्ड के साथ ही हर वर्ष कामकाज का ब्योरा जनता के सामने प्रस्तुत करते रहे हैं। सरकार के साढ़े चार वर्ष होने पर भी किया था और अब पांच वर्ष पूरे होने पर जब वह चुनाव में जा रहे हैं तो फिर लेखाजोखा पेश करना चाहते हैं कि उनकी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में क्या बेहतर किया।उन्होंने बताया कि 2017 से पहले केंद्र सरकार की किसी भी योजना में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर नहीं था, जबकि आज करीब 50 योजनाओं में पहले स्थान पर है। यूपी को छठवें से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाया। ईज आफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश 14वें से दूसरे स्थान पर पहुंचा। वह यह बताना भी नहीं भूले कि इन पांच वर्ष में सरकार को ढंग से काम करने का मौका तीन वर्ष ही मिला। बाद के दो वर्ष कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर भी उपस्थित थे।