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यूपी में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। लगभग सभी पार्टियों ने

रोहितसोनी जिला संवाददाता जालौन उरई खबर दृष्टिकोण

जालौन।। उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जालौन में तीसरे चरण में मतदान होना है। इसके तहत 25 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। वहीं भाजपा अपने पुराने उम्मीदवारों के सहारे ही इस चुनावी मैदान में जा सकती है। भाजपा को डर है कहीं, मौजूदा विधायकों के टिकट काट देने से मौजूदा विधायक और समर्थक बगावत शुरू न कर दें, जिससे पार्टी को बुंदेलखंड में नुकसान हो जाए। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा एक बार फिर वर्तमान विधायकों पर भरोसा जता सकती है।
अब डैमेज कंट्रोल कर रही भाजपा
विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी में मंत्रियों और विधायकों ने बगावत शुरू कर दी है। अब डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा के कद्दावर नेताओं ने दूसरी रणनीति बनाई है। बीजेपी ने पहले और दूसरे चरण के लिए 107 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इसमें पार्टी ने 63 विधायकों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा। वहीं 20 विधायकों की सीट की अदला बदली की है। जबकि 20 विधायक का टिकट काट दिया गया। वहीं, इस बार फिर से भाजपा बुंदेलखंड में किसी प्रकार अपना नुकसान नहीं चाहती है। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा जालौन की तीनों सीटों पर फिर से अपने सिटिंग विधायकों को टिकट दे सकती है।
लगाए जा रहे हैं कयास
बता दें कि वर्तमान में जालौन में तीनों विधायक भाजपा के हैं। इसमें कालपी से नरेंद्र पाल सिंह जादौन, माधौगढ़ से मूलचंद निरंजन और उरई सुरक्षित विधानसभा से गौरी शंकर वर्मा विधायक हैं। यह तीनों पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा फिर से इन विधायकों पर दांव लगा सकती है। जल्द ही इसकी घोषणा भी होगी।
दो विधायक जिला अध्यक्ष भी रहे हैंबता दें कि माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन और कालपी विधायक नरेंद्र पाल सिंह जादौन भाजपा के जिलाध्यक्ष पद पर भी रहे हैं। उन्हें पहली बार पार्टी ने 2017 में प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने भारी मतों से अपनी जीत हासिल की थी। वहीं उरई विधायक गौरी शंकर वर्मा पहली बार 1996 में कोंच विधानसभा से चुनाव लड़े थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में 2007 में उन्हें दूसरी बार कोंच विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन बसपा की लहर में उन्हें फिर से करारी मात मिली थी। 2012 में सीटों का परिसीमन बदलने के कारण उन्हें भाजपा ने उरई विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सपा लहर में उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दयाशंकर वर्मा ने हरा दिया था, लेकिन 2017 के चुनाव में उन्होंने मोदी लहर में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने लगभग 80 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी को हराया था।

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