आवारा गोवंश सरकार ने अनेकों प्रयास किए लेकिन स्थिति वही की वही बनी रही चुनावी बिगुल बज चुका है लेकिन अगर परेशान है तो सिर्फ किसान खेतों की फसलें कर जाती है गांव में दिनभर धमाचौकड़ी गांव के अंदर आवारा गोवंश की होती रहती है 3 साल पहले गौशाला बनी थी उसमें पानी का रूप दिखा करके गौशाला बंद कर दी गई गौशाला तो बंद कर दी गई लेकिन किसानों की परेशानी नहीं बंद कर पाए त्रिपुरारी पुर गौशाला आखिर क्यों बंद करवाई गई क्यों किसानों के साथ इतना बुरा बर्ताव किया जा रहा है गलती उनकी नहीं है साहब गलती तो विधानसभा अलग बनाने वालों की है बॉर्डर का गांव होने के कारण व्यवस्था वही की वही है बड़ी बात आपको बता दूं कि आज तक इस गांव में कभी कोई बड़ा अधिकारी नहीं आया जो यहां की व्यवस्था को देख सकें नेता लोग चुनाव में आते हैं आते ही रोड पर से निकल जाते हैं लेकिन इस गांव की दुर्दशा किसी ने नहीं देखी आज चुनाव नजदीक है गांव वालों का कहना है वक्त नजदीक है