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वाराणसी। मेडिकल में दाखिले की प्रवेश परीक्षा नीट में सेंध लगाने के मामले में क्राइम ब्रांच और वाराणसी पुलिस की संयुक्त टीम ने दो अन्य आरोपितों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले पुलिस ने मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने वाली बीएचयू की बीडीएस की छात्रा जूली और उसकी मां बबिता को रविवार की रात ही गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल आरोपित मां-बेटी जेल में हैं।मामले के राजफाश में जुटी संयुक्त टीम ने मंगलवार दोपहर केजीएमयू के एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र ओसामा शाहिद और गिरफ्तार छात्रा जूली के बिहार निवासी भाई अभय कुमार मेहता को वाराणसी के पांडेयपुर चौराहे के समीप से गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। गिरोह का सरगना पीके अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। ओसामा शाहिद मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना थाना क्षेत्र के शेखवाड़ा का मूल निवासी है। इन दिनों वह ताहा अपार्टमेंट, गोलागंज लखनऊ में रह रहा था। वहीं, अभय कुमार मेहता पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संदलपुर स्थित वैष्णवी कालोनी का रहने वाला है।पुलिस के मुताबिक अभियुक्त ओसामा शाहिद केजीएमयू लखनऊ में एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र है। उसने ही नीट में असली परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का जिम्मा लिया था। इसके लिए 25 से 30 लाख रुपये की डील हुई थी। दूसरे आरोपित जूली के भाई अभय मेहता ने बिचौलिये विकास के उकसावे में आकर पांच लाख रुपये की लालच में अपनी बहन को इस फर्जीवाड़े के लिए राजी किया था।पुलिस टीम ने आरोपित ओसामा शाहिद के पास से नीट के प्रवेश पत्र की 15 प्रतियां, चार फोटो, चार कोरियर रसीद व दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। मोबाइल में साल्वर गैंग की चैटिंग डाक्यूमेंट्स, बैंक खाते से लेन-देन का विवरण भी है। दोनों आरोपितों से पूछताछ में इस अंतरराज्यीय गैंग से जुड़े उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों के सदस्यों के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। अब उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की जा रही हैैं। एक टीम रात तक पटना के लिए रवाना होगी। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि ओसामा काफी शातिर है। उसने मोबाइल फोन के डेटा को डिलीट कर सुबूत मिटाने का प्रयास किया। साइबर फोरेंसिक की टीम डेटा रिकवरी के प्रयास में जुटी है।