फतेहपुर, । फर्जी प्रपत्रों पर देश की नागरिकता हासिल करने वाले नेपाली मूल के मौलाना फिरोज आलम के विरुद्ध पुलिस ने चार्जशीट लगा दी है। उस पर एक युवती का मतांतरण कराकर मस्जिद में निकाह कराने के आरोप की जांच चल रही है। नेपाल में जिला महोत्तरी के सुनूनाना थानाक्षेत्र के गौशाला निवासी मौलाना फिरोज आलम यहां गाजीपुर कस्बा स्थित बड़ी मस्जिद कमेटी में इमाम पद पर था। कमेटी के एक सदस्य अब्दुल मजीद ने 24 सितंबर, 2021 को मौलाना के गलत क्रियाकलापों की शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मौलाना को 30 सितंबर, 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।मौलाना फिरोज आलम ने खुद की पहचान छिपाकर वर्ष 2012 को फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए थे। इनके आधार पर 2016 में भारतीय नागरिकता हासिल कर ली थी। पुलिस ने उसके निर्वाचन पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन, पासबुक व पासपोर्ट को सीज कर दिया था।मस्जिद कमेटी के सदस्य ने बताया था कि बकेवर थानाक्षेत्र के एक गांव की युवती को वर्ष 2019-20 में क्षेत्र निवासी दूसरे मत का युवक भगा लाया था। मौलाना ने युवती का मतांतरण कराकर निकाह कराया था। पुलिस ने मुकदमे में मतांतरण की धारा भी बढ़ा दी है। इसके बाद गाजीपुर पुलिस की टीम नवंबर 2021 में नेपाल के महोत्तरी जिले जाकर मौलाना की पत्नी, मां-पिता व बेटे-बेटियों से साक्ष्य संकलित कर लौटी थी। गाजीपुर एसओ संगमलाल प्रजापति ने बताया कि फिरोज आलम वर्ष 2001 में भारत आ गया था। यहां वर्ष 2008 में बिंदकी के मदरसे में मुंशी (हाईस्कूल समकक्ष) की शिक्षा पूरी की। इसके बाद शहर स्थित सनगांव इस्लामिक शिक्षण संस्थान में मौलवी (इंटर समकक्ष), कामिल (स्नातक समकक्ष) और हसवा इस्लामिक शिक्षण संस्थान में फाजिल (समकक्ष परास्नातक) की शिक्षा ली। मौलाना फिरोज आलम के खिलाफ फर्जी प्रपत्रों के जरिए देश की नागरिकता लेने के मामले में चार्जशीट लगा दी गई है। मतांतरण कराने के आरोपों की जांच व फर्जी प्रपत्रों को कोर्ट में जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। – प्रमोद कुमार मौर्य, उप निरीक्षक एवं विवेचक।