दीपावली के दूसरे दिन यानी बुधवार सुबह भी लखनऊ की हवा जहरीली बनी रही। दीपावली की रात, यानी सोमवार को, शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 454 तक पहुँच गया, जो “सीवियर” यानी अत्यंत ख़तरनाक श्रेणी में आता है। 22 अक्टूबर की सुबह 8:53 बजे तक लाइव AQI 227 दर्ज किया गया।
यह स्थिति दर्शाती है कि अक्टूबर 2025 अब तक का सबसे प्रदूषित महीना बन गया है। पिछले पांच वर्षों में राजधानी की हवा इतनी खराब पहले कभी नहीं रही।
दिन में राहत, रात में दमघोंटू हालात
बीते 24 घंटों में लखनऊ की हवा में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया। दिन में हवा कुछ हद तक साफ़ रही, लेकिन रात के समय प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया। रविवार रात 12 बजे AQI 454 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिन के दौरान यह 143 तक सीमित था। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, रात और तड़के सुबह हवा की गति बेहद धीमी होती है, जिससे प्रदूषक कण ज़मीन के नज़दीक जम जाते हैं और हवा दमघोंटू बन जाती है।
पांच सालों में सबसे प्रदूषित अक्टूबर
पिछले पांच वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि इस अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर अब तक का सबसे ऊँचा रहा। 2021 में औसत AQI 114 था, जबकि 2023 में यह घटकर 62 तक आ गया था, जो अब तक का सबसे साफ़ अक्टूबर माना गया। लेकिन 2025 में औसत AQI 175 दर्ज हुआ, जिसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। 20 अक्टूबर की रात शहर का AQI 201 तक पहुँच गया, जो पिछले पांच वर्षों में इसी तारीख का उच्चतम स्तर है।
दीपावली के बाद प्रदूषण का विस्फोट
दीपावली की रात से ही लखनऊ की हवा और ज़हरीली हो गई। पटाखों का धुआँ, वाहनों की अधिकता और कई इलाकों में कचरा जलाने की घटनाओं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दीपावली के बाद लखनऊ की हवा लगातार “खराब” से “गंभीर” श्रेणी के बीच रही। शहर के कई इलाकों जैसे चारबाग, हजरतगंज, अलीगंज और आलमबाग में सुबह से ही स्मॉग की मोटी परत दिखाई दी।
