खबर दृष्टिकोण: अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ खीरी। गोला नगर में सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने उपवास रखकर अपने पतियों की दीर्घायु व सुख समृद्धि के लिए वटवृक्ष की पूजा-अर्चना कर मांगा आशीर्वाद। वट सावित्री व्रत सुख-समृद्धि व अखंड सौभाग्य का प्रतीक है इस दिन सुहागिन महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिलता है।
धार्मिक नगरी गोला में मंदिरों और वटवृक्ष के नीचे सुहागिनों की भीड़ जुटने लगी गोला नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में पूजा स्थलों अहमद नगर क्लेश हरण मंदिर, खुटार रोड स्थित फूल बाबा आश्रम ,सेठानी हाता, शिव मंदिर, माँ मंगला देवी मंदिर, त्रिलोक गिरि मंदिर, हनुमान मंदिर लखीमपुर रोड,दुर्गा मंदिर सिनेमा चौराहा, नगर पालिका परिसर, गौशाला कुम्हारन टोला,कृष्णा वाटिका, संकट मोचन हनुमान मंदिर व लगभग सभी गांवों पर वटवृक्ष सावित्री पूजन के लिए महिलाएं पीली, लाल सुहाग की साड़ियों को पहनकर व पूर्ण सुहाग कर, थाल में अंमिया, बैंगन, खरबूजा, चना, धागा रोली धूपबत्ती इत्यादि पूजा सामग्री लेकर पूजन करने पहुंचीं। उन्होंने वटवृक्ष की जड़ में जल अर्पित किया, धागा लपेटते हुए परिक्रमा की और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर पूजन किया। कई स्थानों पर जैसे सेठानी के हाता में महिलाओं की काफी भीड़ दिखाई पड़ी। बरसात होने के कारण जमीन में कीचड़ हो गया जिस कारण पूजन करने आयीं महिलाओं को बैठकर पूजन करने भी दिक्कत उत्पन्न हुई, इसी तरह मंगला देवी मंदिर प्रांगण में नगर पालिका के द्वारा नाला निर्माण के कारण ग्राउंड में गंदा पानी भर जाने के कारण महिलाओं को वहां भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा ।इस व्रत की कथा सत्यावान-सावित्री की कथा जुड़ी है, जिसमें सावित्री ने अपने संकल्प और श्रद्धा से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापिस ले लिए थे. हिंदू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखकर पूजन करती हैं।
वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है यह ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है।
