पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने काबुल के प्रति तीखे तेवर दिखाते हुए कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे सभी अफगान नागरिकों को अपने वतन लौटना होगा और अफगानिस्तान के साथ पहले जैसे पुराने सम्बन्ध अब कायम नहीं रहेंगे. इस बयान के बाद सीमापार तनाव और बढ़ गया है.
आसिफ ने सोशल मीडिया पोस्ट और सार्वजनिक बयानों में कहा कि अब काबुल की अपनी सरकार और व्यवस्था है, इसलिए पाकिस्तान की जमीन और संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के हैं और विदेशी शरणार्थियों के कारण स्थानीय सुरक्षा और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान काफी समय तक धैर्य रखता रहा पर अफगान पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली.
दोनों पक्षों के बीच तनाव के बीच पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने कुछ समय पहले 48 घंटे के लिये युद्धविराम पर सहमति जताई थी, जिसे बाद में बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के लिये बढ़ाने पर चर्चा हुई. हालांकि, आरोप हैं कि युद्धविराम के तुरंत बाद पाकिस्तान ने पक्तिका और आसपास के कुछ क्षेत्रों में हवाई हमले किए, जिनके बाद तालिबान ने कहा कि युद्धविराम टूट गया है. इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच शांति प्रयासों को झटका दिया है.
ख्वाजा आसिफ ने किया बड़ा दावा
ख्वाजा आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को सीमा पार से होने वाली आतंकवादी घटनाओं के संबंध में कई नोटिस दिए हैं. उन्होंने 836 विरोध पत्र और 13 डेमार्श (démarches) भेजने का हवाला दिया और अब केवल कूटनीतिक अपीलों या पत्रों पर निर्भर नहीं रहा जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जहां से भी आतंकवाद की हरकतें आ रही हैं, उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
ख्वाजा आसिफ ने तालिबान सरकार पर लगाए ये आरोप
आसिफ ने काबुल में शासन करने वाली तालिबान सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह भारत के हितों के अनुरूप काम कर रही है और भारत व प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच मिलीभगत से पाकिस्तान के खिलाफ साजिश हो रही है. इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज किया है और क्षेत्रीय खिलाड़ियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप ने स्थिति को और जटिल बना दिया है.
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान को मानवीय और सुरक्षा क्षेत्रों में बड़े नुकसान उठाने पड़े हैं; उन्होंने 10,347 आतंकी घटनाओं और 3,844 हताहतों का जिक्र कर इस अवधि में हुई हिंसा की गिनती पेश की. आसिफ ने कहा कि यदि अफगान हिस्सों से हमला होता है तो पाकिस्तान उसका सख्त और निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है.
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक कूटनीति जारी रखने का प्रयास चल रहा है: कतर में संभावित बातचीत और मध्यस्थता की बात उठ रही है ताकि सीमावर्ती हिंसा को नियंत्रित किया जा सके और आगे की कूटनीतिक राह खोजी जा सके. फिर भी, हवाई हमलों और एक-दूसरे पर लगे आरोपों ने क्षेत्रीय तनाव को तेज कर दिया है और पुनः हिंसा की आशंका बनी हुई है.
